Jabalpur: हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, वेटरनरी डॉक्टर अब इतने साल में होंगे रिटायर
MP हाईकोर्ट फाइल फोटो
Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने बड़ा फैसला सुनाते हुए वेटरनरी डॉक्टर्स (Veterinary Doctor) की रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल कर दिया है. इससे पहले का सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष थी. उच्च न्यायालय ने इस पूरे मामले को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन माना और कहा कि एलोपैथिक (Allopathic), आयुष (Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha, and Homeopathy) और वेटरनरी डॉक्टर्स में कोई भेद नहीं होना चाहिए. वहीं सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जल्द से जल्द नियमों में बदलाव किए जाएं. इससे प्रदेश के 1900 वेटरनरी डॉक्टर्स को राहत मिलेगी.
क्या पूरा मामला?
मध्य प्रदेश में एलोपैथिक और आयुष डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति की उम्र राज्य सरकार ने साल 2011 के संसोधन अधिनियम के तहत 65 साल कर दी थी. लेकिन वेटरनरी डॉक्टर की सेवानिवृत्ति की उम्र नहीं बढ़ाई थी. इसी को लेकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में इसके लिए याचिका लगाई गई थी. और पशु चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के लिए कहा था. सोमवार को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने सुनवाई की और ऐतिहासिक निर्णय देते हुए रिटायरमेंट की आयु में बदलाव करने के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए है.
वेटरनरी प्रोफेसर की उम्र 65 साल ही है
रीवा, जबलपुर और महू में सरकारी वेटरनरी कॉलेज हैं. जहां पशु चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है. वहीं कॉलेज में पढ़ा रहे प्रोफेसरों की उम्र 65 साल है. इसे लेकर भी विवाद है. डॉक्टर्स और प्रोफेसर के भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
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कोर्ट ने 2011 के अधिनियम में बदलाव के लिए कहा
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा साल 2011 में किए गए संशोधन अधिनियम को बदलने के निर्देश दिए हैं. इस अधिनियम के तहत एलोपैथिक और आयुष डॉक्टर्स की रिटायरमेंट उम्र को 65 साल किया गया था. वहीं इस अधिनियम में पशुपालन और डेयरी विभाग को इससे अलग रखा गया था. इससे वेटरनरी डॉक्टर्स भी वंचित रह गए थे.