Jabalpur: जिंदा मरीज को डेथ सर्टिफिकेट देने के मामले में 4 डॉक्टर्स सस्पेंड, जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम गठित
जबलपुर: जिंदा मरीज को डेथ सर्टिफिकेट देने के मामले में 4 डॉक्टर सस्पेंड
MP News: जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स के द्वारा जिंदा व्यक्ति को डेथ सर्टिफिकेट देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. मेडिकल प्रबंधन ने 4 पीजी डॉक्टर्स को सस्पेंड कर दिया है. मामले को लेकर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है.
जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम की गठन
मामले की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 3 सदस्यों की टीम का गठन किया गया है. मामले को लेकर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष को शोकॉज नोटिस जारी किया है. बुजुर्ग मरीज के इलाज के लिए 3 डॉक्टरों की टीम गठित की गई. वहीं जिन डॉक्टर्स ने मामले में लापरवाही बरती उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.
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क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में 26 जनवरी की देर रात गौरी घाट निवासी 66 साल के इंद्रजीत कुमार को भर्ती किया गया था. इंद्रजीत कुमार की बाईपास सर्जरी एक निजी अस्पताल में हो चुकी थी. लेकिन हालत में सुधार न होने की वजह से मेडिकल अस्पताल में रेफर कर दिया गया. मेडिकल अस्पताल के डॉक्टरों ने रात भर तो इलाज किया लेकिन तड़के तकरीबन 4.30 बजे परिजनों को इंद्रजीत कुमार की मौत होने की पुष्टि कर दी.
नियमों का हवाला देकर किया पोस्टमार्टम
सुबह तकरीबन 7.30 बजे परिजनों के हाथ में इंद्रजीत कुमार की मृत्यु रिपोर्ट भी सौंप दी गई. लेकिन मेडिकल अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मरीज को निजी अस्पताल से रेफर किया गया था इसलिए पोस्टमार्टम करना जरूरी है. हालांकि पोस्टमार्टम करने से परिजनों ने मना किया लेकिन फिर भी प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर पोस्टमार्टम करना अनिवार्य बता दिया. तकरीबन 10.30 बजे पोस्टमार्टम के लिए शव को ले जाने वाले थे. तभी परिजनों को एहसास हुआ कि इंद्रजीत कुमार की सांसें चल रही है.