Jabalpur: 47 करोड़ के धान परिवहन घोटाले में 74 के खिलाफ मामला दर्ज, फर्जी रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों से 2 लाख क्विंटल धान गायब की गई

MP News: धान को बाहर भेजने की जगह शहर के ही मिल मालिकों ने बिचौलियों को बेच दिया. 96 प्रतिशत वाहन जिले के टोल नाकों से पार ही नहीं हुए
Jabalpur: Case filed against 74 people in paddy transportation scam case

जबलपुर: धान परिवहन घोटाला मामले में 74 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर से 47 करोड़ रुपये का धान परिवहन घोटाला सामने आया है. इस मामले में 74 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इसमें शासकीय कर्मचारियों के साथ-साथ सहकारी समिति के कर्मचारी भी शामिल हैं. धान परिवहन घोटाले में हुई सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है.

दो लाख क्विंटल धान हुई गायब

पाटन से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर धान घोटाले की जांच के लिए कहा था. सीएम की ओर से जबलपुर कलेक्टर ने जांच कराई थी. इस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी अनुमोदन आदेश (ARO) के जरिए फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. जिले में पहले से ही 3.81 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी में अनियमितताएं पाई गई थीं. इसके बाद इस मामले में पहले ही 22 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है. 74 आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. 47 करोड़ रुपये की दो लाख क्विंटल धान गायब हो गई.

96 फीसदी वाहन जिले से बाहर गए ही नहीं

जांच में पता चला कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी गई धान को जबलपुर से बाहर के 17 राइस मिलर्स को भेजा जाना था. धान को बाहर भेजने की जगह शहर के ही मिल मालिकों ने बिचौलियों को बेच दिया. 96 प्रतिशत वाहन जिले के टोल नाकों से पार ही नहीं हुए. फर्जी रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों से धान का परिवहन किया गया. जिन वाहनों से धान का परिवाहन दर्शाया गया उनके नंबर कार और बसों के निकले.

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12 पुलिस थानों में दर्ज हुई FIR

इस पूरे मामले में जिला प्रबंधक, नगर निगम के 13 कर्मचारियों, 17 चावल मिल मालिकों, 25 सहकारी समितियों समेत 44 धान खरीदी केंद्रों के कर्मचारियों पर FIR दर्ज की गई है. शहर के 12 पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है.

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