Jabalpur: रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के कुलगुरु को हाई कोर्ट का नोटिस, योग्यता को लेकर दायर की गई याचिका, राज्य सरकार से भी मांगा जवाब

Jabalpur News: शनिवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई की. राज्य सरकार, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और कुलगुरु को नोटिस दिया है
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MP हाई कोर्ट

Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (Rani Durgavati University) के कुलगुरु की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने कुलगुरु को नोटिस दिया है. कुलगुरु डॉक्टर राजेश वर्मा की योग्यता को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में कहा गया था कि कुलगुरु वर्मा के पास पद के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं है. कोर्ट में ये याचिका भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने दायर की थी.

राज्य सरकार, MPPSC से मांगा गया जवाब

शनिवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई की. राज्य सरकार, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और कुलगुरु को नोटिस दिया है. इस मामले में सभी से जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद यानी लगभग एक महीने बाद होगी. कुत्तगुरु की नियुक्ति को लेकर विधायक लखन धनघोरिया ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था.

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NSUI ने भी उठाए सवाल

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने कुलगुरु की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे. कुलगुरु पर आरोप है कि कुलपति के लिए जो योग्यता होनी चाहिए वह पूरी नहीं गई. राजेश वर्मा की पीएचडी साल 2008 में पूरी हुई. इसके बाद 2009 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से प्राध्यापक के पद पर वैकेंसी की घोषणा की गई. जिसमें राजेश वर्मा को नियुक्ति मिली. इसमें शर्त ये थी कि उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए. इसके साथ ही टीचिंग का 10 सालों का अनुभव होना चाहिए.

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से जारी नियमों के अनुसार कुलगुरु पद धारण करने वाले व्यक्ति को 10 साल का टीचिंग अनुभव होना चाहिए.

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