मछली परिवार के रसूख के आगे नेता और अफसर नतमस्तक थे! फर्जी सहकारिता समिति से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया

हटाई खेड़े डैम में लोगों ने बताया कि मछली गैंग यहां से मछली पड़कर चेन्नई और कोलकाता मछली को बेचता था.
Sharik Machhli(File Photo)

शारिक मछली(File Photo)

MP News: लव जिहाद, ड्रग्स तस्करी और अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त के मामले में घिरे भोपाल के मछली गैग के रसूख के आगे नेता और अफसर दोनों ही नतमस्तक थे. इसका खुलासा इस बात से होता है कि हटाई खेड़ा डैम से मछली पकड़ने का ठेका जिस मछली पालन समिति इस्लामनगर को दिया गया था, उसे भोपाल कलेक्टर ने 2019 में फर्जी बताया था, इसी फर्जी सहकारिता समिति के दम से मछली गैग ने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया.

कलेक्टर ने बताया था फर्जी ठेका

हताई खेड़ा दम की समिति को 2023 में मछली पकड़ने का ठेका मिला जो हैरान करता है कि जिस समिति को कलेक्टर द्वारा फर्जी बताया गया है, उसे ठेका कैसे मिल रहा है यह संभव तो नहीं है. मगर नेताओं और अधिकारी की मिलीभगत से यह संभव हो सकता है. विस्तार न्यूज़ की टीम ने जब समिति के नाम पर ठेका लेने की पूरी पड़ताल की तो पता चला कि समिति में जिन सदस्यों के नाम दर्ज थे, उनमें से एक नाम मछली पालन सहकारिता संस्था के उपाध्यक्ष मलथूराम का है, जो 2019 में मर चुके हैं. मगर 2023 तक उनके नाम पर ठेका लिया गया, वहीं शिकायतकर्ता प्रमोद लोधी का कहना है कि 2019 में पूरे मामले को लेकर उन्होंने जांच पड़ताल की थी और शिकायत भी की थी. जिसके चलते कलेक्टर ने समिति को निरस्त करने के आदेश दिए थे. साथी प्रमोद बताते हैं कि मछली पालन सहकारी समिति इस्लामनगर को ठेका मिलता था, मगर वास्तव में नीलू मियां जो मछली गैंग के बड़े खास हैं, वह बंगाल और चेन्नई से मछुआरे बुलाकर मछली पकड़ कर करोड़ों रुपये की कमाई मछली गैंग को देते थे.

दस्तावेज मिलने के बाद विस्तर न्यूज़ के रिपोर्टर विवेक राणा मलथूराम के घर पहुंचे, जहां मलथूराम रहता था, क्योंकि मलथूराम सहकारिता समिति का उपाध्यक्ष था और जब मौके पर विस्तार न्यूज़ की टीम पहुंची तो पता चला कि यह आदमी 2019 में ही मर चुका है. वहां पर रहने वाले व्यक्ति से बात की तो उन्होंने बताया कि बहुत साल पहले ही मलथूराम यहां रहता था, जिसकी कई साल पहले मौत हो चुकी है.

सहकारिता समिति के ऑफिस में ताला लगा है

जब हटाई खेड़ा डैम के पास बने कार्यालय में विस्तार न्यूज़ की टीम पहुंची तो देखा कि मछली पकड़ने वाली सहकारिता समिति के ऑफिस में ताला लगा है, क्योंकि यह ऑफिस मछली गैंग का था और यहीं से मछली गैंग मछली पड़कर चेन्नई और कोलकाता भेजती थी.

हालांकि काले धंधे का जब क्राइम ब्रांच और जिला प्रशासन को पता लगा तो एक बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद देखने को मिली. जहां मछली साम्राज्य पर सरकार का बुलडोजर चला दिखाई दिया. हालांकि कार्रवाई के बाद कई पीड़ित सामने आए जिन्होंने बताया कि मछली गैग किडनैप कर फार्महाउस में ले जाकर मारपीट करता था.

ये भी पढ़ें: ‘रक्षाबंधन निकल गया लेकिन भाई-बहन को राखी बांधते नहीं देखा, टोपी पहने हुए जरूर देखा’, नरोत्तम मिश्रा ने राहुल-प्रियंका पर कसा तंज

मछली गैंग’ चेन्नई और कोलकाता में मछली बेचता था

हालांकि सरकार की बड़ी कार्रवाई के बाद जब विस्तर न्यूज़ की टीम हटाई खेड़े डैम पहुंची तो देखने को मिला कि डैम में कई लोग मछली पकड़ते दिखाई दिए. जब मछली पकड़ने वाले लोगों से बात की तो पता चला कि पहले मछली गैंग का खौफ इतना था कि वह कभी मछली नहीं पकड़ते थे क्योंकि मछली गैंग उन्हें मारती थी, धमकाती थी. जिसके चलते मछली पकड़ने वाले लोग कभी डैम में नहीं आते थे और अब यहां डैम में लोग मछली पकड़ते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि लोगों का कहना कि मछली गैंग यहां से मछली पड़कर चेन्नई और कोलकाता मछली को बेचता था.

40 साल तक काली कमाई से खड़ा किया साम्राज्य

वहीं मुख्यमंत्री ने भरे मंच से साफ संदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में नशा फैलाने वाले अपराधियों को छोड़ नहीं जाएगा. अपराधी की पहुंच कितनी ही बड़ी क्यों ना हो मगर अपराधी को सजा मिलेगी. वहीं भोपाल पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी का कहना है कि मछली परिवार के ऊपर कुछ महीने पहले बड़ी कार्रवाई की गई थी. हर एंगल से जांच की जा रही है, जांच पूरी होने पर आगे और भी कार्रवाई मछली गैंग पर की जाएगी.

40 साल से काली कमाई से खड़े किए काले साम्राज्य को लेकर क्राइम ब्रांच और पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. अब देखना होगा कि जहां मछली पकड़ने वाली सहकारिता समिति फर्जी निकली. वहीं देखना होगा कि आगे मछली गैंग को लेकर और क्या खुलासे होते हैं.

ज़रूर पढ़ें