सूरत-खजुराहो और अब इंदौर…चुनाव से पहले ‘बम’ के धमाके से कांग्रेस पस्त, अब निर्दलीय के भरोसे पार्टी!

अब कांग्रेस इंदौर सीट से वैकल्पिक उम्मीदवार के नाम को लेकर मंथन में जुट गई है. इसी कड़ी में अब कांग्रेस के राज्य इकाई ने इंदौर कांग्रेस से निर्दलीय उम्मीदवारों की सूची मांगी है.
akshay kanti bam

akshay kanti bam

Lok Sabha Election 2024: पूरे देश भर में चुनाव का मौसम चल रहा है. पहले और दूसरे चरण की वोटिंग हो चुकी है और मौसम के साथ साथ चुनावी पारा भी चढ़ गया है. इस बीच कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक बड़ा झटका लग रहा है. अब मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘सूरत कांड’ हो गया है. दरअसल, कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. बम अपना नामांकन वापस लेने के लिए बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. हालांकि, अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है. घटना के बाद कांग्रेस के सामने गुजरात के सूरत जैसी स्थिति आ गई है.

इंदौर में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल थी, जबकि उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख आज (29 अप्रैल) है. अब कांग्रेस इंदौर सीट से वैकल्पिक उम्मीदवार के नाम को लेकर मंथन में जुट गई है. इसी कड़ी में अब कांग्रेस के राज्य इकाई ने इंदौर कांग्रेस से निर्दलीय उम्मीदवारों की सूची मांगी है. कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम का पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्य इकाई के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत किया गया.”

अक्षय कांति बोले- कांग्रेस नहीं दे रही थी साथ?

नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी.

मोती सिंह का भी नामांकन हो चुका निरस्‍त

बता दें कि कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोती सिंह का पहले ही नामांकन निरस्त हो चुका है, कांग्रेस को पहले ही अंदेशा था, इसलिए मोती सिंह का नामांकन डमी के रूप में जमा कराया था. लेकिन अक्षय बम के नामांकन स्वीकृत होने से मोती सिंह का नामांकन निरस्त हो गया. कांग्रेस को फॉर्म निरस्त का अंदेशा था, लेकिन बम नामांकन वापस ले लेंगे यह नहीं पता था.

यह भी पढ़ें: पत्रकार इन्द्रजीत राय ने बढ़ाया भारत का सम्मान, ब्रिटिश संसद में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से हुए सम्मानित

खजुराहो में बोल्ड हुई थी सपा

गठबंधन के तहत कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी थी, लेकिन यहां सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया. इस तरह भाजपा को वाकओवर मिल गया है. यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मैदान में हैं. हालांकि INDI गठबंधन ने आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रत्याशी पूर्व आईएएस आरबी प्रजापति को समर्थन दिया, पर यह खानापूर्ति जैसा लग रहा है. खजुराहो में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हो गई है.

सूरत में क्या हुआ था?

बता दें कि पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के चार जून को नतीजे घोषित होने से पहले ही भाजपा का खाता खुल गया. गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर चले लंबे ड्रामे के बाद BJP कैंडिडेट मुकेश दलाल ने निर्विरोध जीत दर्ज कर ली थी. कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी और उनके डमी कैंडिडेट का नामांकन रद्द होने के बाद इस सीट पर शेष उम्मीदवारों ने भी अपना नाम वापस ले लिया था.

दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी के तीन प्रस्तावकों ने चुनाव आयोग से शिकायत कर नामांकन पत्र में जाली हस्ताक्षर के आरोप लगाए थे. यहां 7 मई को मतदान होना था. सूरत सीट से दस उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. भाजपा प्रत्याशी दलाल ने भी प्रस्तावकों के जाली हस्ताक्षर की शिकायत की थी. चुनाव अधिकारी ने कुंभानी को प्रस्तावकों के साथ बुलाया था, पर वह पेश नहीं कर पाए. इसके बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था.

 

ज़रूर पढ़ें