निर्मला सप्रे की विधायकी पर खतरा नहीं, हाई कोर्ट ने सदस्यता खत्म करने की मांग वाली उमंग सिंघार की याचिका की खारिज

MP News: याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस से निर्वाचित होने के बाद बीना विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो गई थीं. इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रिट पिटीशन दायर कर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी
Madhya Pradesh High Court rejects Umang Singhar's petition to cancel the membership of Bina MLA Nirmala Sapre

फाइल तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस से निर्वाचित होने के बाद बीना विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो गई थीं. इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रिट पिटीशन दायर कर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि सप्रे ने दल बदल किया है, लेकिन विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया गया.

90 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई

उमंग सिंघार द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सप्रे ने दल बदल किया है, लेकिन विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया. जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भी भेजा गया था, लेकिन निर्धारित 90 दिनों की अवधि में कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई.

सुनवाई के दौरान उमंग सिंघार की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने तर्क रखते हुए कहा कि या तो उच्च न्यायालय इस मामले पर फैसला दे या विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेने के निर्देश दें.

2023 में कांग्रेस की टिकट से जीता था चुनाव

साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्मला सप्रे ने बीना सीट से चुनाव लड़ा और जीतीं. लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे ने सीएम मोहन यादव के साथ मंच साझा किया. इस कांग्रेस ने उन्हें चेतावनी दी, स्पष्टीकरण के लिए कहा. बाद में निर्मला सप्रे बीजेपी के कई कार्यक्रमों शामिल होती रहीं. कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया.

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