Madhya Pradesh में भ्रष्टाचार के मामलों के लिए नए नियम लागू, 4 महीने में देनी होगी अभियोजन की स्वीकृति

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश पर भ्रष्टाचार पर नया नियम लागू कर दिया है. अब विभागों को 4 महीने में अभियोजन की स्वीकृति देनी होगी.
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Madhya Pradesh:  मध्य प्रदेश में अब भ्रष्टाचार के मामलों के निपटारे के लिए केंद्र सरकार के आदेश पर नए नियम लागू कर दिए गए हैं.  इन नियमों के तहत प्रदेश में शासकीय सेवकों पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों में संबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति चार महीने में देनी होगी.

केंद्र सरकार ने तय की नई गाइडलाइन

भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन तय की है.  नई गाइडलाइन के तहत अब रिटायर होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ राज्य सरकार अभियोजन की स्वीकृति नहीं देगी. इसके अलावा रिटायर होने वाले या फिर वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभाग ने अभियोजन की स्वीकृति क्यों नहीं दी इसे बताना भी अनिवार्य होगा.

290 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ केस लंबित

मध्य प्रदेश में 27 भागों में 290 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति लंबित है.  विभागों की तरफ से अभियोजन की स्वीकृति में देरी के चलते राज्य सरकार मंत्री समूह की कमेटी बन चुकी हैं. वहीं, जांच एजेंसियां अभियोजन की स्वीकृति का इंतजार करती रही और इस दौरान पूर्व मुख्य सचिव और कई IAS अधिकारी रिटायर भी हो गए.

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मध्य प्रदेश में सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश पर भ्रष्टाचार पर नया नियम लागू कर दिया है. रिटायर होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ राज्य सरकार अभियोजन की स्वीकृति नहीं देगी. रिटायर होने वाले या फिर वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ आखिर विभाग ने अभियोजन की स्वीकृति क्यों नहीं दी. यह बताना अनिवार्य हालांकि विभागों को कर दिया है. मध्य प्रदेश को करीब 27 विभागों में करीब 290 से अधिक अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति लंबित है.

आदेश जारी

मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग में डीओपीटी के नए नियम का हवाला देते हुए आदेश जारी किया है. अभी तक अभियोजन की स्वीकृति का इंतजार जांच एजेंसियां करती रहती थीं लेकिन अब नए आदेश के मुताबिक उन्हें भी भ्रष्टाचार के मामले में केस चलाने में थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. पिछले दिनों ही सरकार ने मंत्री समूह की बैठक करने के लिए निर्देश दिए थे. मंत्रियों की कमेटी बनाई थी, जो भ्रष्टाचार के मामले में केस चलाने स्वीकृति देगी.

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कांग्रेस ने उठाए सवाल

सरकार के नए फैसले को लेकर इधर कांग्रेस ने कई सवाल भी उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज का कहना है कि सरकार की निगरानी में अधिकारियों की खूब चांदी हुई है. जमकर प्रदेश को लूटा है. अब उनके खिलाफ केस चलाने की अनुमति इसलिए नहीं देना चाहती क्योंकि कई मंत्रियों के भी राज सामने आ जाएंगे. वहीं, भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि मध्य प्रदेश की सरकार समय-समय पर नियम में संशोधन करती है लेकिन ऐसी मामले में सरकार गंभीर है. किसी भी मामले को लेकर सरकार जांच जरूर कराती है.

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