हिंदू युवक और मुस्लिम युवती के प्रेम विवाह को किस श्रेणी में माना जाएगा? MP High Court ने दिया बड़ा आदेश
MP हाई कोर्ट ग्वालियर खंडपीठ
MP High Court: एक हिंदू युवक और मुस्लिम युवती की शादी के सवाल पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है. लिव इन में रह रहे एक प्रेमी जोड़े ने ग्वालियर खंडपीठ में सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका लगाई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रेमी युगल को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है.
जानें पूरा मामला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में लिव-इन में रह रही मुस्लिम युवती और हिंदू युवक ने याचिका दायर की थी. इस याचिका में बताया गया था कि वह दोनों एक-दूसरे से प्रेम (Love) करते हैं और जल्द ही शादी करने वाले हैं. युवक की उम्र 21 साल और युवती की 20 साल है.
सुरक्षा की मांग को लेकर लगाई याचिका
दोनों का धर्म अलग होने की वजह से उनके परिजन इस रिश्ते से खुश नहीं हैं. दोनों के परिजन इस रिश्ते में व्यवधान डाल रहे हैं. साथ ही उनकी जान को खतरा भी है. वर्तमान में दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में है. लेकिन जान की खतरे के मद्देनजर दोनों ने पुलिस प्रोटेक्शन की मांग को लेकर याचिका लगाई थी.
हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान सवाल पूछा गया कि मुस्लिम युवती की गैर मुस्लिम युवक से शादी संभव है? इस पर कोर्ट को बताया गया कि ऐसा विवाह अनियमित विवाह की श्रेणी में आएगा, लेकिन उसे शून्य नहीं माना जाएगा.
कोर्ट ने दिया निर्देश
इस मामले में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिवपुरी SP को निर्देश दिया कि अगर याचिकाकर्ता उनसे संपर्क करें और स्पेशल मैरिज एक्ट में विवाह पंजीयन कराने की मंशा जताते हैं तो जब दोनों मैरिज अधिकारी के पास विवाह पंजीयन के संबंध में जाएं तो उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए. इसके अलावा सुनिश्चित करें कि घर से मैरिज अधिकारी के पास जाने तक और वहां से घर पहुंचने तक जवान उनकी सुरक्षा में तैनात रहें.
इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर दोनों के परिजनों ने कोई शिकायत दर्ज कराई है तो पहले उसकी प्रारंभिक जांच हो फिर याचिकाकर्ताओं के बयान दर्ज हो और इसके बाद कार्रवाई की जाए.