MP News: राज्य के सरकारी खजाने से बेहिसाब खर्च पर नजर, किसानों को कर्ज देने के लिए फाइनेंस से लेनी होगी अनुमति
MP News: सरकार ने सरकारी विभागों के खर्च पर फाइनेंस का बैरियर लगा दिया है. प्रदेश के विकास के लिए राज्य के बजट के हिसाब से ही काम किया जाना है, इसके लिए प्रदेश के 47 विभाग अब कई फ्लैगशिप योजनाओं सहित अन्य योजनाओं में अपने हिसाब से खर्च नहीं कर पाएंगे. वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही योजनाओं के लिए फंड जारी किया जाएगा. केंद्रीय बजट आने के बाद यह तय हो गया है कि मध्य प्रदेश को केंद्रीय बजट से कितनी राशि मिलती है. इसके बाद फाइनेंस ने मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों के बेहिसाब खर्च पर पाबंदी लगा दी है. प्रदेश के मंत्रियों के बंगलों के संसाधन, साज- सज्जा, महाकाल परिसर विकास, लाड़ली लक्ष्मी योजना, किसानों को बिना ब्याज के कर्ज देने के लिए अनुदान, तीर्थ दर्शन योजना सहित कई 47 विभागों की सैकड़ों योजनाओं पर वित्त विभाग की अनुमति लेने के बाद ही अब विभाग राशि खर्च कर पाएंगे.
डायरेक्टर फाइनेंस ने सभी विभागों को जारी किए निर्देश
संचालक बजट बक्की कार्तिकेयन ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश जारी कर विधानसभा से पारित इस साल पूर्ण बजट के आवंटन और खर्च की प्रक्रिया के संबंध जारी निर्देशों का पालन करने को कहा है. प्रदेश में पूंजीगत खर्च के लिए वित्त विभाग ने अन्य सभी विभागों को खर्च के लिए चार अलग-अलग श्रेणियां निर्धारित कर बजट खर्च करने के निर्देश दिए है. 47 विभागों की ढेर सारी योजनाओं में अब विभाग अपने हिसाब से खर्च नहीं कर पाएंगे उन्हें इन योजनाओं में खर्च के लिए वित्त विभाग से पूर्व अनुमति लेना होगा.
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पाबंदी के दायरे में कई प्रमुख योजनाएं
राज्य सरकार की कई प्रमुख योजनाएं इस पाबंदी के दायरे में आ गई है. मध्य प्रदेश में सिंहस्थ का आयोजन होना है मुख्यमंत्री चाहते है कि महाकाल परिसर का तेजी से विकास कर वहां सिंहस्थ के पहले चाक चौबंद व्यवस्था की जाए. केन्द्र से इसके लिए पर्याप्त बजट नहीं मिला है इसलिए अब राज्य के बजट से ही बेहतर व्यवस्था करना है. इसलिए महाकाल परिसर विकास योजना पर नगरीय विकास विभाग को वित्त की अनुमति के बाद ही खर्च करने की अनुमति रहेगी.
बालिका स्कूटी योजना पीएम श्री योजना के लिए भी अनिवार्य परमिशन
मंत्रियों के बंगलों के संसाधन, साज-सज्जा, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, पीएम श्री योजना, लाड़ली बहना आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना, नगरीय निकायों के कायाकल्प अभियान, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण सहित नगरीय प्रशासन विभाग की दस योजनाओं के लिए अब वित्त की अनुमति के बाद ही खर्च किया जा सकेगा.
इन योजनाओं के लिए वित्त की अनुमति जरूरी
महिलाओं को रोजगार मूलक आर्थिक सहायता, इसी तरह अन्य विभागों की प्रमुख योजनाओं में प्रदेश में नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों और नवीन नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना, निर्माण, सहकारी बैंको के जरिए किसानों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान, मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, मध्यप्रदेश शांति वाहन सेवा, आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति योजना, मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना, मां तुझे प्रणाम योजना, मिशन कर्मयोगी, बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति, ग्रामीण परिवहन नीति का क्रियान्वयन, तीर्थ यात्रा योजना, औद्योगिक क्षेत्रों का लैंड पूलिंग योजना के अंतर्गत विकास, रामपथ गमन अंचल विकास योजना में राजस्व मद के काम, टंटया भील मंदिर के जीर्णोद्धार, पीएम जन मन बहुउद्देशीय केंद्र निर्माण योजना, जनजातीय कार्य विभाग में सायकलों का प्रदाय, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस का भुगतान, मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, खाद भंडारण पर ब्याज अनुदान, जिला मार्ग और अन्य मार्गों का नवीनीकरण डामरीकरण योजनाओं के खर्च के लिए पहले वित्त से अनुमति लेना जरुरी होगा. राजस्व व्यय के लिए मुक्त श्रेणी के खर्चे के लिए शत प्रतिशत बजट का उपयोग किया जा सकेगा. इसके अलावा बाकी मदों के लिए अस्सी प्रतिशत राशि खर्च की जा सकेगी.