MP News: बैंक ऑफ इंडिया में 2.83 करोड़ रुपये का घोटाला; मैनेजर बर्खास्त, 26 पहचान वालों को पहुंचाया था फायदा
MP News: मध्य प्रदेश में बैंक ऑफ इंडिया में बड़ा लोन घोटाला सामने आया है. सीबीआई(CBI) ने सीनियर मैनेजर के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करते हुए जांच तेज कर दी है. बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर ने बिना नियमों को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपये का लोन बांट दिया. जिसकी वजह से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
सीबीआई (CBI) के अधिकारी के मुताबिक साल 2017 और 2019 के बीच में खंडवा जिले के धनगांव ब्रांच में पदस्थ राजेश सोनकर ने कई प्रोपराइटर को लोन दिया. लोन की प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. मैनेजर ने बैंक के लोन के नियमों को दरकिनार किया है. करीब 2.83 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर आरोपी राजेश सोनकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ये भी पढ़ें: शादी का अनोखा इको फ्रैंडली कार्ड, पढ़ने के बाद पानी में भिगोकर तुलसी का पौधा उगा सकते हैं
धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा सीबीआई (CBI) ने दर्ज कर लिया है. सीबीआई (CBI) ने अपनी जांच में पाया है कि जिन लोगों को लोन मैनेजर की तरफ से दिए गए. उनके अकाउंट से राजेश सोनकर के अकाउंट में लेनदेन भी हुआ है. 2.83 करोड़ रुपये के 26 लोन पहचान के प्रोपराइटरों के खाते में रकम जमा हुई थी. बैंक ने ऑडिट में पाया कि जिस काम के लिए लोन दिया गया. वह प्रोपराइटर ने उपयोग नहीं किया. पैसे का दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल कर लिया. इसके बाद बैंक को लोन की रकम भी नहीं चुकाई और खुद को एनपीए(NPA) घोषित कर दिया.
एजीएम(AGM) की जांच से खुलासा, मैनेजर बर्खास्त
बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि गड़बड़ी सामने आने के बाद सीबीआई (CBI) से पहले बैंक ने खुद ही जांच कराई थी. जिसमें एजीएम(AGM) ने पाया कि राजेश सोनकर ने अपने फायदे के लिए लोगों को लोन दिया और उनसे रकम अपने खाते में और परिवार के लोगों के खाते में ट्रांसफर कराई.
जांच के बाद बैंक ने तत्काल ही राजेश सोनकर को निलंबित करते हुए बैंक से निकाल दिया और फिर सीबीआई को जांच रिपोर्ट सौंप दी. सीबीआई (CBI) ने बैंक के ऑडिट के आधार पर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई (CBI) ने लोन लेने वाले और तत्कालीन बैंक मैनेजर सोनकर को आरोपी बनाया है.