MP News: पूर्व महापौर राजाराम त्रिपाठी ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, थामा BJP का दामन
Rajaram Tripathi: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राजनीति में उथल-पुथल जारी है. नेताओं के दलबदल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ज्यादातर झटके कांग्रेस को ही लगते दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर नेता अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन, विंध्य क्षेत्र के दिग्गज नेता व पूर्व महापौर राजाराम त्रिपाठी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और बीजेपी में शामिल हो गये. इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने मैहर में मां शारदा का आशीर्वाद लिया और उसके बाद चुनावी जनसभा के दौरान कांग्रेस के सदस्यों को बीजेपी में शामिल करवाया. नेताओं के दूसरे दल में जाने से सतना लोकसभा सीट राजनीति मे बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
2019 में कांग्रेस की तरफ से लड़ा था चुनाव
2019 में त्रिपाठी कांग्रेस से सतना लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी रहे थे, लेकिन अब वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि, उन्हें भाजपा उम्मीदवार गणेश सिंह के हाथों हार मिली थी. पिछले लोकसभा चुनाव में राजाराम त्रिपाठी को 3 लाख 25 वोट मिले थे, इस बार पार्टी ने सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया है. जिसकी वजह से पार्टी के अंदरुनी कलह सामने आ रही है. सीएम मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने राजाराम को भाजपा की सदस्यता दिलाई. त्रिपाठी के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं, राजाराम का शहर के साथ-साथ ब्राह्मण समाज में अच्छा प्रभाव माना जाता है.
टिकट वितरण के बाद पार्टी में असंतोष
इस बार टिकट वितरण के बाद से ही सतना लोकसभा सीट पर कांग्रेस में आंतरिक उथल-पुथल हो रही है. त्रिपाठी के अलावा, नागौद ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण पांडेय और मैहर ब्लॉक के कांग्रेस के प्रमुख विष्णु दत्त पांडेय ने भी अपने समर्थकों के साथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. सतना लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है, जिससे पहले यहां के समीकरण बदल सकते हैं.
त्रिपाठी का ब्राह्मण समाज में अच्छा प्रभाव माना जा रहा है. वहीं सतना लोकसभा सीट में ब्राह्मण वोटर अहम भूमिका में नजर आते हैं. इस बार पार्टी ने पिछड़े वर्ग से आने वाले नेताओं को ही टिकट दिया है. जबकि बीजेपी इस बार सतना में जीतने के लिए पूरा जोर लगाती हुई नजर आ रही है.