MP में 94 हजार सरकारी स्कूल होंगे बंद, बच्चें करेंगे सीएम राइज में पढ़ाई, 5 सितंबर को मुख्यमंत्री 17 स्कूलों का करेंगे लोकार्पण

MP News: सीएम राइज योजना के तहत मध्यप्रदेश में 4 स्तरों पर स्कूल खुलेंगे. राज्य में जिला, ब्लाक, विकासखंड और गांव स्तर पर सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे.
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प्रतीकातमक चित्र

MP News: प्रदेश में संचालित 94 हजार सरकारी स्कूलों की संख्या भविष्य में घटकर दस हजार रह जाएगी. स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. आगामी पांच सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 17 सीएम राइज स्कूलों का लोकार्पण किए जाने की संभावना है. 17 सीएम राइज स्कूलों के नए भवन बनकर तैयार हो गए हैं.

दरअसल, प्रदेश में लगभग 94 हजार शासकीय स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. इनमें करीब एक करोड़ के आसपास विद्यार्थी हैं. विभाग ने आगामी समय में 94 हजार स्कूलों की संख्या घटाकर दस हजार सीएम राइज स्कूलों का टारगेट रखा है. स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है. इसकी शुरुआत 17 सीएम राइज स्कूलों से हो रही है. विभाग ने जारी निर्देशों में कहा है कि एमपी के 17 सीएम राइज स्कूलों में भवन पूर्ण होकर विभाग को शीघ्र हस्तांतरित होने वाले हैं.

इन विद्यालयों में निकटस्थ स्थित शासकीय विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों को प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाना है. आगे भी जिन विद्यालयों के भवन पूर्ण होते जाएंगे, उनमें भी इसी प्रकार निकटस्थ स्थित शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे. इस संबंध में राज्य से नीति निर्धारित की जा रही है.

5 किलोमीटर वाले दायरे में आने वाले बच्चे होंगे शिफ्ट

विभाग ने सीएम राइज स्कूलों के पांच किमी के दायरे में आने वाले सभी शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों की पूरी जानकारी मंगवाई है. इसके साथ ही निर्देश दिए हैं कि भवन पूर्णता करने वाले सीएम राइज स्कूलों में आगामी निर्देशों तक किसी भी प्रकार का नवीन प्रवेश नहीं किया जाएगा.

ऐसे घटेगी शासकीय स्कूलों की संख्या

प्रदेश सरकार ने विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस सीएम राइज स्कूलों को बनाना शुरू किया है. पहले चरण में 275 सीएम राइज स्कूल बनाए जा रहे हैं. इनमें अभी तक सिर्फ शाजापुर जिले के गुलाना में एक सीएम राइज स्कूल के भवन का निर्माण पूरा हो चुका है.

स्कूलों में पढ़ेंगे बच्चे प्रदेश में चार स्तरों पर खोले जाएंगे स्कूल

सीएम राइज योजना के तहत मध्यप्रदेश में 4 स्तरों पर स्कूल खुलेंगे. राज्य में जिला, ब्लाक, विकासखंड और गांव स्तर पर सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे. पीटी 1 जिले में जिला स्तर पर 1 सीएम राइज स्कूल होगा. प्रति स्कूल में 2000 से 3000 छात्र शामिल होंगे. विकासखंड स्तर पर कुल 261 सीएम राइज विद्यालय होंगे. जिनमें से प्रति विद्यालय में 1500 से 2000 विद्यार्थी होंगे. सभी शैक्षणिक सुविधाएं इन स्कूलों में उपलब्ध रहेगी. इसी तरह ब्लॉक स्तर पर 3200 स्कूल होंगे. इन प्रति स्कूलों में 1000 से 1500 छात्र शामिल होंगे. वहीं गांवों के समूह स्तर पर 5687 सीएम राइज स्कूल होंगे. इन प्रत्येक स्कूल में 800 से 1000 छात्र होंगे. सभी स्कूलों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.

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सीएम राइज स्कूलों में मिलेगी विश्व स्तरीय सुविधाएं

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की नई शिक्षा पॉलिसी के तहत आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सीएम राइज योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत 9200 सीएम राइज स्कूल पूरे राज्य में खोले जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा खोले गए स्कूलों में बैंकिंग, अकाउंट, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, थिंकिंग एरिया, जिम, स्विमिंग पूल आदि सुविधाएं उपलब्ध होगी. राज्य के बच्चे सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों का मुकाबला कर सके इसके ऐसे बंद होंगे 94 हजार शासकीय स्कूल विभाग विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस सीएम राइज स्कूल का निर्माण कर रहा है.

नए स्कूल खोलकर पुराने को बंद करने की तैयारी में विभाग

सीएम राइज स्कूल के पांच किमी के दायरे में आने वाले शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को इनमें प्रवेश दिया जाएगा. पांच किमी के दायरे के सभी विद्यार्थियों का सीएम राइज स्कूल में प्रवेश होगा, तो शासकीय स्कूलों में विद्यार्थी ही नहीं बचेंगे. विद्यार्थियों के नहीं होने की स्थिति में स्कूल बंद कर दिए जाएंगे. विभाग के तैयार आंकड़ों में 94 हजार शासकीय स्कूलों के विद्यार्थी 9200 स्कूलों में पढ़ सकेंगे. वर्तमान दो-तीन कमरों में चल रहे स्कूलों के बजाय यहां इन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी.

20 से 50 करोड रुपए आएगी एक स्कूल की लागत

राज्य सरकार द्वारा 20 से 50 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च एक स्कूल पर किया जाएगा. स्कूल के परिसर में ही रहने के लिए शिक्षकों को मकान दिया जाएगा. बच्चों को स्कूल में आने-जाने के लिए सरकारी बस की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होगी.

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