MP में 1814 करोड़ की ड्रग्स जब्ती केस; पुलिस निगरानी पर सवाल, 12 दिन से एडीजी इंटेलीजेंस का पद खाली
MP News: मध्य प्रदेश में खुफिया एजेंसी के सबसे बड़े अधिकारी का पद खाली है. पिछले 12 दिनों से एडीजी इंटेलीजेंस का पद अब तक नहीं भरा गया है. बीते दिनों राजधानी में 1814 करोड रुपए की ड्रग्स की फैक्ट्री पकड़ने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में पुलिस की निगरानी व्यवस्था पर भी कई प्रश्न चिन्ह लगाए गए हैं. विपक्ष एक तरफ पूछ रहा है कि आखिर इंटेलिजेंस की निगरानी कहां हो रही है क्योंकि राजधानी में गुजरात एटीएस और दिल्ली एनसीबी की टीम आकर ड्रग्स की फैक्ट्री पकड़ी. मध्य प्रदेश पुलिस को भनक तक नहीं लगती है.
दुर्गा उत्सव और दशहरा जैसे त्योहारों के बीच में मध्य प्रदेश पुलिस में संभवत पहली बार ऐसा हुआ है कि एडीजी इंटेलीजेंस का पद खाली है. नवरात्रि के दौरान होने वाले आयोजनों के दौरान कई बार संवेदनशील स्थिति बन जाती है. ऐसी स्थिति में पहले से अलर्ट रखने का काम इंटेलिजेंस करता है. त्यौहार के सीजन में इंटेलिजेंस प्रमुख की जिम्मेदारी और जवाब दे ही बढ़ जाती है. इन सब के बावजूद यह पद पिछले 12 दिनों से खाली है. एडीजी इंटेलीजेंस का पद कैडर का पद है. इसलिए ज्यादा दिन तक खाली नहीं रखा जा सकता है. इसके अलावा यह प्रदेश पुलिस के चुनिंदा महत्वपूर्ण पदों में से एक है. इसलिए आमतौर पर इस पद को खाली नहीं रखा जाता है. गृह विभाग ने 24 सितंबर को एडीजी इंटेलीजेंस जयदीप प्रसाद का तबादला कर दिया था. प्रसाद के लोकायुक्त डीजी बनते ही यह पद खाली हो गया था. अभी आईजी डॉक्टर आशीष इस शाखा में काम देख रहे हैं.
इसलिए भी जरूरी है एडीजी इंटेलीजेंस की पोस्टिंग
2 दिन पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया था. छत्तीसगढ़ की घटना के बाद मध्य प्रदेश में नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ सकता है. वही अमरकंटक के आसपास भी नक्सलियों का मूवमेंट जारी है. इसी तरह भोपाल में प्रदेश पुलिस को भनक लगे बिना ड्रग्स की फैक्ट्री पकड़ना भी इंटेलिजेंस को चुनौती दे चुका है. इन दोनों नवरात्रि चल रही है. गरबा को लेकर पुलिस को अपना इंटेलिजेंस मजबूत रखना पड़ता है. वही दशहरा पर निकलने वाले चल समारोह को लेकर भी सूचना तंत्र पूर्व से सक्रिय हो जाता है. प्रदेश की हर शहर में रावण दहन में भी भीड़ जुटती है. ऐसी स्थिति में इंटेलिजेंस को मजबूत रखना चुनौती पुलिस के लिए होता है.