MP News: एमपी में 5 साल से नहीं बढ़ी चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि, नगरीय निकायों की हालत सुधारने के लिए 43 अरब रुपए की जरूरत

Rewa News: मौजूदा स्थिति में शासन की ओर से 3600 करोड़ रुपए सालाना दिया जा रहा है जबकि इतने सालों में निकायों की संख्या बढ़ कर 413 पहुंच गई है.
mp Rs 43 billion is needed to improve the condition of the urban bodies of the state.

प्रदेश के नगरीय निकायों की हालत सुधारने के लिए 43 अरब रुपए की जरूरत है.

Bhopal News: प्रदेश के नगरीय निकायों की हालत सुधारने के लिए 43 अरब रुपए की जरूरत है. इससे अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन-भत्ते देने में दिक्कत नहीं होगी. यह राशि अब तक मिलते रहे फंड के मुकाबले 720 करोड़ रुपए अधिक है. राज्य में नाकों प्रवेश कर की वसूली व्यवस्था खत्म होने के बाद इससे नगरीय निकायों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति राशि देना शुरू की गई थी.

मौजूदा स्थिति में शासन की ओर से 3600 करोड़ रुपए सालाना दिया जा रहा है जबकि इतने सालों में निकायों की संख्या बढ़ कर 413 पहुंच गई है. अधिकारियों-कर्मचारियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. इससे जाहिर तौर पर वेतन और स्थापना का खर्च भी बढ़ा है। इसके बाद भी पिछले पांच साल से शासन ने चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोतरी नहीं की है.नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो नियमानुसार हर साल क्षतिपूर्ति में दस प्रतिशत का इजाफा किया जाना चाहिए. इसे ध्यान में रखते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में चुंगी क्षतिपूर्ति के तौर पर 4320 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि इससे पहले में विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन वित्त विभाग ने फंड नहीं होने का हवाला देते हुए वापस कर दिया था. अब फिर से जुलाई में बजट पेश होने से पहले प्रस्ताव भेजा गया है. संभंवतः वित्त विभाग चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि को जारी भी कर सकता है.

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हर महीने 30-40 करोड़ की कटौती

भोपाल के साथ ही प्रदेश के ज्यादातर नगरीय निकाय बिजली का बिल चुका नहीं पा रहे हैं. उन पर काफी राशि बकाया हो चुकी है. ऐसे में वित्त विभाग हर महीने चुंगी क्षतिपूर्ति की 300 करोड़ की राशि में से कटौती कर रहा है विभाग सीधे 30 से 40 करोड़ रुपए काट कर संबंधित बिजली कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दे रहा है.

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