MP में आदिवासी स्कूलों की परफॉर्मेंस सुधारने को कवायद छात्रों की कॉपियों की औचक जांच करेंगे ट्राइबल स्कूलों के प्रिंसिपल
MP News: प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और आदिवासी बहुल्य जिलों में स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने के लिए अब जनजातीय विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. अब जनजातीय स्कूलों के प्रिंसीपल छात्रों की कॉपियों की औचक जांच करेंगे. जिससे उन्हें छात्रों की पढ़ाई के बारे में जानकारी मिलेगी साथ ही संबंधित विषय के शिक्षक के पढ़ाने के तौर-तरीके के बारे में भी प्रिंसीपल जान सकेंगे.
विभाग ने यह भी तय किया है कि प्राचार्यों के काम काज की मॉनिटरिंग के लिए हर जिले में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सरकारी स्कूलों में विजिट कर जानकारी लेंगे. जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सभी सहायक आयुक्तों को दिए निर्देश में कहा गया है कि विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षा के परिणामों में सुधार के लिए कार्यवाई करना है. इसके लिए जिला सहायक आयुक्त की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय कोर समिति बोर्ड परीक्षा रिजल्ट का एनालिसिस कर स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता का ध्यान रखेंगे. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ली जाने वाली इन परीक्षाओं की तैयारियों का रिव्यू शासन स्तर पर भी किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: ‘बाढ़ की त्रासदी झेल रहे केरल और त्रिपुरा को दी जाएगी 20-20 करोड़ की राहत राशि,’ CM मोहन यादव ने की घोषणा
क्लासवर्क के साथ होमवर्क भी कंपलसरी
रिजल्ट सुधार की कवायद में यह भी कहा गया है कि अगर कहीं टीचर्स की कमी और अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं, तो समीपी विद्यालयों के एक्सपर्ट टीचर्स को ऐसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए कहा जाएगा. हर विद्यार्थी को क्लास में वर्क दिए जाने के साथ होमवर्क भी अनिवार्य रूप से दिया जाए. प्राचार्य की यह जिम्मेदारी होगी कि वह हर हफ्ते टीचर्स द्वारा क्लास वर्क और होमवर्क की कॉपी चेक करेंगे. विभाग के निर्देश में यह भी कहा गया है कि हर स्कूल में एक्स्ट्रा क्लासेस संचालित करने और उसकी मानिटरिंग की जिम्मेदारी प्राचार्य की होगी. सहायक आयुक्त और सहायक संचालक शिक्षा हर दिन किसी न किसी स्कूल का विजिट कर एक्स्ट्रा क्लासेस के बारे में जानकारी लेंगे.
कमजोर छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस रहेगी जरूरी
कमजोर छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस हर महीने छात्रों की मासिक परीक्षा होगी जिसके रिजल्ट के विश्लेषण के बाद कमजोर छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस लगाई जाएगी. इसके अलावा मासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के आधार पर दोबारा कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित किया जाएगा.