MP News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति, मृत और सेवानिवृत्त शिक्षक भी पढ़ा रहे, लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

MP News: जिला शिक्षा अधिकारियों की पीड़ा यह है कि एजुकेशन पोर्टल में वह शिक्षक दिख रहे हैं जो कई साल पहले सेवानिवृत्ति हो चुके या दिवंगत हो गए हैं.
Directorate of Public Instruction (Photo- Social Media)

लोक शिक्षण संचालनालय (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: एज्युकेशन पोर्टल अपडेट नहीं होने कारण प्रदेश में अध्यापन व्यवस्था पर असर पड़ने लगा है. जो शिक्षक दिवंगत या सेवानिवृत्त हो चुके, वह विभाग के ऑनलाइन रिकार्ड में अभी भी सेवारत हैं. इस गंभीर त्रुटि को लेकर कोई डेढ़ दर्जन जिलों से शिक्षा अधिकारियों ने विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है.

समस्या बताई गई है कि शिक्षक के दिवंगत या सेवानिवृत्ति उपरांत वह पद खाली हो गया है. फिर भी उसे पोर्टल में भरा दर्शाया जा रहा है. नतीजतन दूसरे शिक्षक को यहां आने का मौका नहीं मिल रहा है. जिसका सीधा असर शैक्षणिक व्यवस्था पर पड़ रहा है. रायसेन, जबलपुर, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, राजगढ़, कटनी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, मंदसौर, रतलाम, नीमच, ग्वालियर जैसे जिलों से शिक्षकों ने पत्र के माध्यम से विभाग को समस्या बताई है. यह तर्क भी दिया गया है कि अगर पोर्टल में सुधार नहीं किया गया तो स्थितियां बिगड़ जाएंगी. क्योंकि शिक्षकों की जरूरत है. सिस्टम में खराबी होने के कारण पदस्थापना बाधित हो रही है. इससे पढ़ाई चौपट हो रही है.

शिक्षा अधिकारियों का यह दर्द

जिला शिक्षा अधिकारियों की पीड़ा यह है कि एजुकेशन पोर्टल में वह शिक्षक दिख रहे हैं जो कई साल पहले सेवानिवृत्ति हो चुके या दिवंगत हो गए हैं. अब दिक्कत यह संकुल प्राचार्यों की बड़ी लापरवाही अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में संकुल प्राचार्यों की बड़ी लापरवाही है. जब लोक सेवक रिटायर्ड या दिवंगत होता है तो उसका सैलरी सिस्टम बंद किया जाता है. यह काम करने की जवाबदारी संकुल प्राचार्य की होती है. सैलरी का लॉगिन बंद नहीं होने के कारण वह पद निरंतर पोर्टल पर बना रहता है. जिससे परेशानी बन रही है.

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कलेक्टर से जिला शिक्षा अधिकारियों ने बताई समस्या, फिर भी नहीं हुआ निराकरण

बताया जा रहा है कि अब इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत कराया गया कलेक्टरों तक भी बात पहुंचाई गई, लेकिन इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ. जानकारी सामने आ रही है कि यदि उस शिक्षक की खाली जगह दूसरे की पदस्थापना होनी है तो वह भरा हुआ दिखाई दे रहा है. बताया गया है कि वैकल्पिक तौर पर यदि अतिथियों को ही रखने की तैयारी की जा रही तो वह पोस्ट रिकार्ड में रिक्त नहीं है.

पूरे प्रदेश में व्यवस्था प्रभावित – विश्वजीत

रिटायर्ड लेक्चरार एवं मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसौदिया का कहना है कि दो साल पहले जो शिक्षक दिवंगत हो गया है. अभी भी पोर्टल में काम करते हुए दिखाई दे रहा है. यह समस्या विभाग के ध्यान में लाई गई. उसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. राजधानी भोपाल में भी इस प्रकार की समस्या है. यहां पर एक दर्जन ऐसे मृत और रिटायर्ड शिक्षक हैं जो पोर्टल पर काम कर रहे हैं, जबकि विद्यालयों में पद रिक्त पड़ा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोक शिक्षण संचालनालय में जिनके हाथों में पोर्टल की व्यवस्था है. उनसे विभाग को जवाब लेना चाहिए.

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