MP News: जीते जी करावा रहे मृत्युभोज, मामला जानकर आप भी हो जाएगें हैरान
दमोह: हिंदू धर्म में परंपरा के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद 13वें दिन उसकी आत्मा की शांति के लिए जिस भोज कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. सामान्य भाषा में उसे तेरहवीं भोज कहते है. लेकिन प्रदेश के दमोह जिले से एक अजीबो गरीब मामला निकलकर सामने आया है. जिले के फुटेरा वार्ड नं 1 के रहने वाले करीब 63 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी ने जीते जी खुद की तेरहवीं करने का संकल्प लें चुके हैं. इतना ही नहीं जयप्रकाश सोनी खुद ही स्कूटी से अपने गली मोहल्ले और रिश्तेदारों के घर पंहुचकर आमंत्रण पत्र दे रहे हैं.
जीते जी देखना चाहते हैं कौन है अपना कौन है पराया..
दरसअल रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी ने विस्तार न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान बताया कि ये नए प्रकार का कार्यक्रम है,जिसे करने की हिम्मत हर कोई व्यक्ति नहीं जुटा पाता लेकिन में अपने जीते जी 31 मार्च 24 को अपनी तेरहवीं करने जा रहा हूं. जिसमें बाकायदा पिंडदान करते हुए रिश्तेदारों से लेकर परिवार वाले इस भोज में शिरकत करेंगे. इस काम में उनका साथ उनका बेटा और उनकी पत्नी भी दे रहे हैं.
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जब रिटार्यड शिक्षक से जीते जी तेरहवीं करने के पीछे की वजह पूंछी गई तो उन्होंने बताया कि अक्सर लोग अपना सारा जीवन 1-1 पैसा जोड़ने में लगा देते हैं. लेकिन मरने के बाद परिवार के सदस्य उस पूंजी का निवेश तेरहवीं कार्यक्रम में करते भी है या नहीं ये किस को पता. इसलिए जीते जी इस कार्यक्रम की पहल से पता चल जायेगा कौन अपना है कौन पराया इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैंने 300 कार्ड वितरित किये हैं.