MP News: मंत्रियों के बंगले पर रिनोवेशन का काम जारी, आधा दर्जन मंत्रियों के लिए 20 करोड़ का बजट

MP News: पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि जब भी किसी मंत्री या अधिकारी के बंगले का रेनोवेशन किया जाता है, तो काम पूरा होते-होते इस पर खर्च होने वाली राशि बढ़ जाती है.
After the allotment of government residences in the capital to the ministers of Madhya Pradesh government, the renovation work is now going on.

मप्र सरकार के मंत्रियों को राजधानी में सरकारी आवासों का आवंटन के बाद अब रिनोवेशन का काम जारी है.

MP News: खासी मशक्कत के बाद मप्र सरकार के मंत्रियों को राजधानी में सरकारी आवासों का आवंटन कर दिया गया. इसके साथ ही मंत्रियों को आवंटित आवासों के रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है. मंत्रियों के बंगलों की साज- सज्जा पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पिछले दिनों हुई स्टेट फायनेंस कमेटी की बैठक में मंत्रियों के बंगलों के रेनोवेशन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव को प्रशासकीय स्वीकृति दिए जाने के बाद वर्क ऑर्डर जारी किया जा चुका है.

प्रस्ताव के अनुसार कृषि मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना के श्यामला हिल्स स्थित बंगले की साज-सज्जा पर पर सबसे ज्यादा 99 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. बंगले के नोवेशन का काम तेजी से चल रहा है. ऐसे ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास के रंग-रोगन पर 91 लाख रुपए खर्च होंगे. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को शिवाजी नगर में आवास क्रमांक सी – 21 और सी – 22 आवंटित किए गए हैं. इनके रेनोवेशन पर 91 लाख रुपए खर्च होंगे. आवास परिसर में नया निर्माण भी किया जा रहा है. स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह के 74 बंगला स्थित सरकारी आवास के रेनोवेशन पर 82 लाख रुपए, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के 74 बंगला स्थित आवास की साज-सज्जा पर 80 लाख और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला के 74 बंगला स्थित आवास के रेनोवेशन पर 73 लाख रुपए खर्च होंगे.

अधिकारियों का तर्क – काम पूरा होते होते बढ़ जाता है बजट

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि जब भी किसी मंत्री या अधिकारी के बंगले का रेनोवेशन किया जाता है, तो काम पूरा होते-होते इस पर खर्च होने वाली राशि बढ़ जाती है. इसकी मुख्य वजह आवास परिसर में नया निर्माण कार्य किया जाना है, जिस पर ज्यादा राशि खर्च होती है. पुराने आवास के रेनोवेशन पर खर्च कम आता है। यही वजह है कि बाद में बंगलों के रेनोवेशन के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत की जाती है.

ये भी पढे़ें: विधायकी छोड़ने के बाद भावुक हुए ‘मामा’, कहा- बुधनी से ही शुरू किया था अपना सार्वजनिक जीवन

जून के आखिर तक आ जाएंगी नई गाड़ियां

मप्र सरकार के मंत्री जल्द ही नई गाड़ियों में सफर करते नजर आएंगे. गृह विभाग ने जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल के माध्यम से मंत्रियों के लिए 25 लग्जरी गाड़ियां खरीदने के ऑर्डर जारी कर दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि संभवत: जून के आखिर तक नई गाड़ियां आ जाएंगी. कुछ महीने पहले मंत्रियों ने नई इनोवा क्रिस्टा गाड़ियों की डिमांड मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष रखी थी. इस पर गृह विभाग ने मार्च में 31 इनोवा क्रिस्टा गाड़ियां खरीदने को लेकर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा था. प्रस्ताव पर वित्त विभाग की ओर से आपत्ति उठाए जाने के बाद पीएचक्यू की मद से गाड़ियां खरीदने का निर्णय लिया गया था. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 25 गाड़ियां खरीदने के ऑर्डर जारी किए गए.

पूर्व मंत्रियों से नहीं छूट रहा बंगलों का मोह

शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल रहे कई सदस्यों को डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है. फिर भी ये पूर्व मंत्री सरकारी आवास खाली करने को तैयार नही हैं. कुछ इस उम्मीद में सरकारी बंगलों में जमे हुए हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार होने पर उन्हें मंत्री बनने का मौका मिल जाएगा. इन पूर्व मंत्रियों के बंगलों पर कुछ नए मंत्रियों की नजर थी, लेकिन उन्होंने बंगले खाली नहीं किए, इसलिए मजबूरी में मंत्रियों को अपने लिए दूसरे बंगले पसंद करना पड़े. कुछ पूर्व मंत्री ऐसे भी हैं, जो विधानसभा का चुनाव हार गए लेकिन उन्होंने अब तक सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं.

ज़रूर पढ़ें