MP में सार्थक एप बना मुसीबत, कॉलेज प्राचार्य, प्रोफेसर नहीं दर्ज कर पा रहे उपस्थिति, अब उच्च शिक्षा आयुक्त ने किए ये निर्देश

MP News: मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने कर्मचारियों को आफिस समय पर आने के लिए आनलाइन अटेंडेस अनिवार्य कर चुकी है. अब सार्थक एप आ रही दिक्कतों को दूर करने की कवायद की जा रही है.
Problem in registering attendance in Sarthak app

सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज करने में आ रही समस्या

MP News: प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और उच्च शिक्षा विभाग में सार्थक एप से हाजरी दर्ज कराने की व्यवस्था शुरु की गई है लेकिन इसमें दिक्कत आ रही है. कई जगह प्राचार्य, प्रोफेसर और अन्य स्टॉफ की उपस्थिति इसमें दर्ज नहीं हो पा रही है. उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज करने में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए है.

सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य अब यूजर की भूमिका में उपस्थिति दर्ज करेंगे. इसके लिए लॉग इन आई डी एम्पलाई कोड और पासवर्ड ईएचआरएमएस पासवर्ड को दर्ज करेंगे. यदि पासवर्ड संबंधी कोई समस्या होती है तो स्टेट एडमिन कार्यालय उच्च शिक्षा संचालनालय को ई मेल सार्थक एट द रेट ऑफ एमपी डॉट जीओवी डॉट इन से पत्र के माध्यम से संचार कर पासवर्ड परिवर्तित करा सकेंगे. मॉनीटर करने के उद्देश्य से सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक सूची में तय लॉग इन आईडी व पासवर्ड का उपयोग करेंगे. प्राचार्य और प्रभारी प्राचार्य भी सूची में तय लॉग इन आईडी कॉलेज कोड और पासवर्ड का उपयोग करेंगे.

सभी अतिरिक्त संचालक, प्राचार्य और प्रभारी प्राचार्यो को कहा गया है कि वे सूची में तय लॉग इन आईडी व पासवर्ड का प्रयोग कर प्रथम लॉग इन करे और अनिवार्य रुप से पासवर्ड बदल लें. यदि महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य यदि बदलते है तो संबंधित लॉग इन आईडी कॉलेज कोड व पासवर्ड नये प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य को हस्तांतरित करना होगा.

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ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर चुकी है सरकार

मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने कर्मचारियों को आफिस समय पर आने के लिए आनलाइन अटेंडेस अनिवार्य कर चुकी है. अब सार्थक एप आ रही दिक्कतों को दूर करने की कवायद की जा रही है. क्योंकि अधिकांश विभागों ने शिकायत की थी कि अटेडेंस में परेशानी आ रही है. कई बार पोर्टल खुल नहीं पाता है. ऐसे में आनलाइन हाजिरी दाखिल करने में परेशानी होती है.

52 जिलों में 28 हजार अक्सर रहते अब्सेंट

प्रदेश में राज्य सरकार ने सभी जिलों में ऑनलाइन अटेडेंस को अनिवार्य किया है. करीब 52 जिलों में प्रदेश के सभी विभागों को मिलकर 1 लाख 10 हजार कर्मचारियों को रजिस्टर्ड किया गया है. मौजूदा समय में करीब 28 हजार कर्मचारी अक्सर अब्सेंट ही रहते हैं. इसकी जीएडी रोजाना मानिटरिंग भी कर रहा है.

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