MP News: स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव से वित्त विभाग असहमत; 300 सीएम राइज स्कूल बनाने के लिए भेजा था 17 हजार करोड़ का प्रस्ताव
MP News: स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने फिर से विचार करने के लिए कहा है. प्रदेश में 300 नए सीएम राइज स्कूल बनाने के लिए प्रस्ताव भेजे थे. स्कूल शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजकर नए सीएम राइज स्कूलों के निर्माण के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपए मांगे थे. यह राशि आगामी तीन साल में मांगी गई थी. प्रस्ताव का बारीकी से परीक्षण करने के बाद वित्त विभाग ने कहा कि स्कूलों के निर्माण पर खर्च होने वाली राशि बहुत ज्यादा है.
वित्त विभाग ने यह कहते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को प्रस्ताव वापस भेज दिया कि निर्माण लागत कम कर नया प्रस्ताव तैयार करें और दोबारा भेजें. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वित्त विभाग को भेजे प्रस्ताव के मुताबिक एक सीएम राइज स्कूल के निर्माण पर 50 से 55 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें करीब 5 करोड़ रुपये का फर्नीचर भी शामिल है.
वित्त विभाग ने प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद कहा है कि यह व्यवहारिक नजर नहीं आ रहा है. सिविल इंजीनियरों और विशेषज्ञों के साथ बैठकर फिर से प्रस्ताव तैयार किया जाए. ऐसा प्रस्ताव तैयार करें कि एक स्कूल की निर्माण लागत 20 से 25 करोड़ रुपए आए. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि प्रोजेक्ट में लोक निर्माण विभाग की भागीदारी प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद वित्त विभाग ने निर्माण लागत ज्यादा बताई. निर्माण लागत कम कर स्कूल शिक्षा विभाग को फिर से प्रस्ताव भेजने को कहा है.
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इन कारणों की वजह से प्रस्ताव को किया वित्त विभाग ने खारिज
शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरखेड़ा भेल को सीएम राइज स्कूल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. इसके नए भवन का निर्माण कार्य जारी है. समय पर काम पूरा न होने के कारण कुछ हद तक निर्माण लागत ज्यादा हुई है. पीडब्ल्यूडी में निर्माण कार्य की प्रक्रिया इतनी पेचिदा है कि उससे लागत बढ़ती है. यदि स्कूल निर्माण की लागत कम करना है तो सीएम राइज स्कूल के मॉडल में बदलाव से लेकर निर्माण से जुड़े अन्य सभी पहलुओं पर नए सिरे से काम करना होगा.
मौजूदा स्थिति में परियोजना की यह तस्वीर
गौरतलब है कि सीएम राइज स्कूल योजना सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है. सीएम राइज स्कूलों का निर्माण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकता में है. वे स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इसके संकेत दे चुके हैं. प्रदेश में पहले चरण में 370 सीएम राइज स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से स्कूल शिक्षा विभाग के 295 और जनजातीय कार्य विभाग के 75 सीएम राइज स्कूल शामिल हैं. इनमें से आधा दर्जन स्कूल बन चुके हैं और 22 सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है. वर्तमान में सीएम राइज स्कूलों में 4 लाख 75 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.
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क्या है सीएम राइज स्कूल योजना ?
मध्य प्रदेश के हर क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कुल 9200 सीएम राइज स्कूल बनाने की योजना बनाई है. इसका उद्देश्य बच्चों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देने के साथ ही, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देना है. प्रदेश में जिला, विकासखंड, संकुल और गांवों के समूह स्तरों पर सीएम राइज स्कूल प्रस्तावित हैं. प्रत्येक सीएम राइज स्कूल में 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जुलाई 2023 में शाजापुर के गुलाना में प्रदेश के पहले सीएम राइज स्कूल का लोकार्पण किया था.
सीएम राइज स्कूल की मुख्य विशेषताएं
अच्छा बुनियादी ढांचा, हर छात्र के लिए परिवहन सुविधा, शत-प्रतिशत शिक्षक और अन्य कर्मचारी, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग, हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं, समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा और अभिभावकों की सहभागिता.