MP News: आखिरकार पूर्व मंत्री रामनिवास रावत को मिल गया विधानसभा से जवाब, IAS-IPS और मंत्रियों के खिलाफ पूछा था ये सवाल
MP News: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में कुछ महीनों के लिए मंत्री रहे रामनिवास रावत को आखिर विधानसभा की तरफ से जवाब मिल गया है. कांग्रेस के विधायक रहते हुए रामनिवास रावत ने पूछा था कि कितने IAS-IPS और मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त और EOW में शिकायत पहुंची है. रावत के सवाल का जवाब देते हुए लोकायुक्त ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 61 मामले सामने आए हैं.
लोकायुक्त ने दी जानकारी
लोकायुक्त ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 61 मामले सामने आए हैं. इनमें से 8 के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है. वहीं, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 10 मामले सामने आए हैं और तीन मामलों में आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. भारतीय वन सेवा में 19 मामले सामने आए और तीन मामलों में अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. मंत्रिमंडल सदस्य के पांच की शिकायतें पहुंची है, जिनकी जांच चल रही है. कुल मिलाकर 95 शिकायत मिली हैं. इसमें से 14 मामलों में अपराधी प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
इसी तरह से सरकार से जुड़ी हुई एक और जांच एजेंसी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 25 मामले सामने आए, जिनमें से एक मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है. भारतीय पुलिस सेवा की एक शिकायत दर्ज हुई है. भारतीय वन सेवा में 10 मामलों में शिकायत हुई है. एक मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है. कुल मिलाकर 36 मामले आए जिन पर दो पर प्रकरण दर्ज किया गया है.
शिकायत बंद करने के मामले में लोकायुक्त संगठन नंबर एक
रामनिवास रावत ने एक और सवाल पूछा कि आखिर दर्ज शिकायतों की जांच के लिए विवेचना अधिकारी बनाए जाते हैं तो उन शिकायतों का निराकरण और बंद करने का अधिकार किसका है. इसके जवाब में बताया कि जांच करता उप पुलिस अधीक्षक और निरीक्षक स्तर का होता है. उनके पास ही निराकरण के अधिकार होते हैं लोकायुक्त संगठन ने बताया कि 47 लंबित शिकायतें हैं. 48 शिकायतों को नस्तीबद्ध करके फोर्स क्लोज किया गया. कुल मिलाकर 95 शिकायतें लोकायुक्त संगठन तक पहुंची थी. इसी तरह से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में 27 लंबी शिकायतें हैं जिसमें से 8 को नस्तीबद्ध बंद किया गया है. कुल 36 शिकायती मिली थी.
केस दर्ज करने के बाद चालान पेश करने में देरी
दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने भी सरकार से एक सवाल पूछा, जिसमें पूछा गया कि कितने मामले सामने आए जिसमें चालान प्रस्तुत किया गया है. लोकायुक्त ने बताया कि साल 2018 में 173, साल 2019 में 183, साल 2020 में 80, साल 2021 में 95, साल 2022 में 82, साल 2023 में चार और 2024 में सभी मामले विचाराधीन है.
भ्रष्टाचार के सवाल पर जवाब
मध्य प्रदेश में 10 साल के भीतर हुए भ्रष्टाचार के मामले में कितनी कार्रवाई हुई इसके बारे में भी हेमंत कटारे ने सरकार से जानकारी मांगी. सरकार ने बताया कि 3497 प्रकरण में से 2200 प्रकरणों में कोर्ट के सामने चालान प्रस्तुत किया गया है. चालानी कार्रवाई के 70 मामले कोर्ट के सामने प्रस्तुत समय न मिलने के कारण पेश नहीं हो पाए. पिछले 10 साल में 2235 अभियोजन की स्वीकृति मिली है, जिसमें से 2223 अभियोजन स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है 227 प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है.