MP News: एमपी में ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ चल रही शिकायतें होगी बंद, सालों से चल रही अफसरों के खिलाफ जांच बंद करने के लिए GAD का नया फार्मूला

MP News: GAD के प्रमुख सचिव ने साल 2007 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि गुमनाम शिकायत प्राप्त होती है तो नस्तीबद्ध किया जाए.
VALLABH BHAWAN BHOPAL (File Photo)

मंत्रालय वल्लभ भवन (फाइल फोटो)

MP News: मध्य प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ चल रही शिकायतों को अब बंद कर दिया जाएगा. सालों से चल रही अफसरों के खिलाफ जांच बंद करने के लिए जीएडी ने नया फार्मूला निकाला है. झूठी शिकायतों को बंद करने के लिए सरकार ने GAD को निर्देश दिए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. शिकायतकर्ता नहीं आया सामने तो अफसर की जांच की फाइल क्लोज कर दी जाएगी.

सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से निकल गए इस आदेश के कई अलग-अलग मायने निकाल के सामने आ रहे हैं, अगर अफसर के खिलाफ शिकायत है तो फरियादी पर दबाव बनाकर वापस लेने की भी कोशिश हो सकती है. इसके साथ ही फरियादी सामने न आने का हवाला देकर विभाग खुद ही अधिकारी के खिलाफ जांच पर क्लीन दे सकता है. सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र में लिखा है कि जांच के दौरान साक्ष्य और गवाही देने वाला फरियादी नहीं आया सामने तो अफसर को क्लीन चिट दी जाए. सामान्य प्रशासन विभाग के PS मनीष रस्तोगी ने आदेश जारी किया है. हालांकि कुछ दिनों पहले ही सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने एक और आदेश जारी किया था. रस्तोगी ने पत्र लिखते हुए सभी विभागों को कहा था कि जल्द से जल्द अफसर के खिलाफ चल रही जांच रिपोर्ट पेश की जाए. जिससे रिटायरमेंट से पहले उनके खिलाफ विभागीय जांच के आधार पर एक्शन लिया जाए लेकिन अब नए आदेश से अधिकांश अधिकारियों को जरूर राहत मिल जाएगी. जिनके खिलाफ विभाग लंबे समय से जांच कर रहा था.

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सामान्य प्रशासन विभाग में सभी विभागों को लिखा यह पत्र

GAD के प्रमुख सचिव ने साल 2007 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि गुमनाम शिकायत प्राप्त होती है तो नस्तीबद्ध किया जाए. यदि आवश्यक हो तो जांच के दौरान शिकायत करने वाले व्यक्ति को अन्य विवरण के लिए बुलाया जा सकता है. यदि पत्र लिखने के बाद भी यह पाया जाता है कि फर्जी नाम पत्ते से शिकायत की गई है. अथवा संबंधित व्यक्ति द्वारा यह सूचित किया है कि उसके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है. उनके नाम से किसी व्यक्ति ने झूठी शिकायत की है तो ऐसी शिकायत को नस्तीबद्ध किया जाए. शासन की मंशा है कि निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए.

लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में चल रह जांच भी हो सकती है प्रभावित

सामान्य प्रशासन विभाग की शादी से लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में चल रही अधिकारियों के खिलाफ जांच भी प्रभावित हो सकती है. क्योंकि अभियोजन की स्वीकृति देने से पहले विभाग संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जांच करता है ऐसे में अगर फरियादी पर दबाव बनाया गया तो जांच एजेंसी अभी कोई एक्शन नहीं ले पाएगी. ऐसे में सरकार के इस आदेश पर सवाल उठ रहे हैं. रिटायर्ड अधिकारियों का कहना है कि शिकायत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच किया जाना चाहिए. अगर झूठी शिकायत है तो उसे बंद करना भी जरूरी है लेकिन शिकायत अगर सही है. अगर कोई शिकायत करता नहीं सामने आता तो विभाग गड़बड़ी के आधार पर एक्शन ले सकता है. ऐसे आदेश से तो अधिकारियों का हौंसले और भी ज्यादा बुलंद होंगे.

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