MP के इंदिरा सागर डैम ने बनाया नया रिकॉर्ड, एक महीने में सरप्लस बिजली से कर ली 18 करोड़ की कमाई

MP News: मध्य प्रदेश के इंदिरा सागर डैम ने नया रिकॉर्ड बनाया है. यहां एक महीने में सवा पांच करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली से 18 करोड़ रुपए की कमाई की गई है.
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इंदिरा सागर डैम (फाइल इमेज)

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का इंदिरा सागर डैम एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक है. इस डैम ने अब बिजली उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाया है. इस डैम का 1000 मेगावाट का पावर स्टेशन है, लेकिन इस साल इसने 1100 मेगावाट तक बिजली पैदा की. अगस्त में महीने में डैम से करीब सवा पांच करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली उत्पन्न की गई, जिसकी कीमत लगभग 18 करोड़ रुपए है.

कैसे हुआ सरप्लस बिजली का उत्पादन?

डैम में अधिक बिजली उत्पादन का कारण कोई नई तकनीक नहीं, बल्कि बांध में पानी की बढ़ी हुई आवक है. इस साल जुलाई में पहली बार पानी की इतनी अधिक आवक हुई कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में बांध के गेट खोलने पड़े. प्रशासन ने गेटों से पानी छोड़ा, लेकिन उसी पानी से बिजली बनाने के लिए पूरी क्षमता का उपयोग किया. अधिकारियों ने बताया कि पानी छोड़ना बर्बादी माना जाता है इसलिए प्रशासन ने इस पानी से अधिकतम बिजली उत्पादन पर ध्यान दिया. आठों टरबाइन, प्रत्येक 125 मेगावाट की क्षमता वाले, 24 घंटे चालू रखे गए. इसका नतीजा यह रहा कि इस साल अगस्त में पिछले साल की तुलना में 51 मिलियन यूनिट (लगभग सवा पांच करोड़ यूनिट) अधिक बिजली पैदा हुई. सरकार इसे 3 से 3.5 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदती है.

अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड

इंदिरा सागर परियोजना के प्रमुख अजीत कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. जुलाई में 605 मिलियन यूनिट और अगस्त में 807 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ. अगस्त में दैनिक उत्पादन 26.65 मिलियन यूनिट का रिकॉर्ड बना. इलेक्ट्रॉनिक गवर्नर के जरिए लोड वेरिएशन कर 50 फ्रीक्वेंसी पर 125 मेगावाट बिजली जनरेट की जाती है.

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इंदिरा सागर परियोजना की 5 खासियत

  • खंडवा जिले के पुनासा में स्थित इस जलाशय की क्षमता 12.22 BMC है, जो पूरे मध्य प्रदेश की प्यास बुझा सकता है.
  • यह 8 यूनिट्स के साथ 1000 मेगावाट बिजली पैदा करता है, जो मध्य प्रदेश के घरों और उद्योगों को रोशन करता है.
  • इसकी नहरें 2.70 लाख हेक्टेयर जमीन को सींचती हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ती है.
  • 2000 में NHDC ने इसे मध्य प्रदेश सरकार से लिया. 4355 करोड़ रुपए की लागत से 2005 में पूरा हुआ है.
  • इस डैम से उत्पन्न बिजली केवल मध्य प्रदेश को 3 से 3.5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाती है.

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