MP News: जबलपुर के 5 फेमस गणेश मंदिर, 16 भुजाओं वाले गणेश मंदिर से लेकर अर्जी से मनोकामना पूरी करने वाले सिद्ध गणेश मंदिर
MP News: मध्य प्रदेश केवल अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए फेमस नहीं है. यहां ढेर सारे मंदिर भी हैं. इन मंदिरों का अपना अलग ही रंग है. अलग-अलग वजहों से फेमस इन मंदिरों में जबलपुर शहर के गणेश मंदिर भी है. जबलपुर में कई सारे गणेश मंदिर हैं जिनमें सुप्तेश्वर गणेश मंदिर, अर्जी वाले गणेश मंदिर, कल्कि अवतार गणेश मंदिर और कई सारे मंदिर हैं. इन मंदिरों और भगवान गणेश की महिमा ही अलग है.
आइए जानते हैं इन मदिरों के बारे में…
सुप्तेश्वर गणेश मंदिर- मूर्ति का लगातार बढ़ रहा है आकार
जबलपुर के एकता विहार में एक मंदिर है जहां भगवान गणेश की मूर्ति का आकार लगातार बढ़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि जब इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी तब इसकी ऊंचाई 5 से 10 फीट थी. आज सुप्तेश्वर गणेश की मूर्ति की ऊंचाई 25 फीट है. ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है.
एकता विहार के रतन नगर की पहाड़ी स्थित ये मंदिर अपने आप कई सारी खासियत लिए हुए है. एक विशालकाय चट्टान पर भगवान गणेश की प्रतिमा नजर आती है. यहां श्रद्धालु भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ाते हैं. ऐसा सुनने को मिलता है कि साल 1985 में जबलपुर की ही रहनी वाली सुधा राजे को भगवान गणेश ने सपने दर्शन दिए. बाद में सुधा राजे ने इसी जगह मंदिर का निर्माण करवाया. ये मंदिर 1989 में बनकर तैयार हुआ.
सिद्ध गणेश मंदिर- यहां अर्जी लगाने से पूरी होती है मनोकामना
ग्वारीघाट अब गौरीघाट के नजदीक स्थित अर्जी वाले गणेश जी का ये मंदिर बहुत फेमस है. यहां श्रद्धालु दर्शन करने के साथ-साथ अर्जी लगाने भी आते हैं. यहां अब तक 2 लाख से ज्यादा अर्जी लगाई जा चुकी हैं. इन अर्जियों की संख्या हमें यहां रजिस्टर में दर्ज अर्जियों से पता चलती है.
भगवान गणेश के सामने अर्जी लगाने के लिए एक प्रोसेस फॉलो किया जाता है. अर्जी लगाने वाले श्रद्धालु एक नारियल लेकर आते हैं. अर्जी के लगाने के लिए एक रजिस्टर रखा गया है. इस रजिस्टर में श्रद्धालु की अर्जी को लिखा जाता है. अर्जी के साथ नाम, पता और मोबाइल नंबर भी लिखा जाता है. इसके बाद अर्जी नंबर के साथ नारियल को भगवान गणेश के दरबार में रखा जाता है.
अर्जी पूरी होने के बाद श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करने आते हैं. यहां के पुजारी बताते हैं कि अब तक 60 हजार से ज्यादा अर्जी वालों की मनोकामना पूरी हो गई है.
कल्कि अवतार गणेश मंदिर – दुनिया का एकमात्र मंदिर
सुप्तेश्वर गणेश मंदिर के पास स्थित हैं कल्कि अवतार गणेश मंदिर. यहां भगवान गणेश की पूजा कल्कि अवतार में की जाती है. कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का आखिरी अवतार माना जाता है. इस रूप में इस मंदिर में भगवान गणेश हमें दिखाई देते हैं. सफेद घोड़े पर सवार, भगवान गणेश नजर आते हैं. भगवान गणेश की सवारी मूषक भी मूर्ति के नीचे नजर आता है.
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शेषनाग गणेश मंदिर- जहां शेषनाग करता है भगवान गणेश की रक्षा
जबलपुर शहर के गंजीपुरा एरिया में स्थित भगवान गणेश का ये मंदिर अपने आप में कई सारी विशेषताएं लिए हुए है. इस मंदिर में भगवान गणेश के ऊपर फन फैलाए शेषनाग दिख जाएगा. ऐसी मान्यता है कि शेषनाग भगवान गणेश की रक्षा कर रहा है. जिस जगह आज मंदिर पहले यहां गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की मिट्टी से बनी रखी जाती थी. जिसे अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित किया जाता था.
ऐसा कहा जाता है कि आज से 30 साल पहले यहां नागपुर के गणेश टेकड़ी मंदिर से मिट्टी लाकर मूर्ति स्थापित की गई. टेकड़ी गणेश का स्वरूप दिया गया. जब अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित किया जाना था तब मूर्ति हिली तक नहीं. उस दिन के बाद से आज तक ये मूर्ति यही स्थापित है. बाद इसे मंदिर का स्वरूप दे दिया गया.
बादशाह हलवाई मंदिर- 16 भुजाओं वाले भगवान गणेश
पोलीपाथर एरिया में स्थित इस मंदिर की अपनी ही खासियत है. यहां इस मंदिर भगवान गणेश की 16 भुजाओं वाली मूर्ति देखने को मिलती है. 16 भुजाओं वाली ये मूर्ति अपने आप में अनोखी है. इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति के अलावा भगवान शिव की 10 भुजाओं वाली मूर्ति, माता पार्वती और वराह अवतार देखने को मिलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कल्चुरी राजाओं ने करवाया था.
जबलपुर में स्थित भगवान गणेश के ये 5 मंदिर अपनी-अपनी खासियत रखते हैं. इन मंदिर का केवल जबलपुर शहर में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य और देश में स्थान है.