MP News: एमपी की राह पर महाराष्ट्र; शादीशुदा बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति देने की तैयारी
MP News: मध्य प्रदेश सरकार की योजनाएं और फैसले दूसरे राज्यों को खूब रास आ रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सरकार के उस फैसले के बारे में जानकारी मांगी है, जिसमें राज्य सरकार ने विवाहित बेटियों को अनुकंपा देने का प्रावधान है. इसी महीने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कार्यालय से मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र भेजा है.
महाराष्ट्र सरकार ने पत्र में मध्य प्रदेश में विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति के फैसले संबंधी प्रस्ताव के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. मुख्य सचिव कार्यालय ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा भेजे गए पत्र को सामान्य प्रशासन विभाग को भेजकर इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. पिछले साल मध्य प्रदेश सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बदलाव कर बेटियों को बड़ी सौगात दी थी.
शिवराज सरकार में बदला था नियम
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 7 फरवरी 2023 को हुई. कैबिनेट की बैठक में सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर विवाहित बेटी को अनुकंपा दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. इससे पूर्व मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित पति, पत्नी के पास जरूरी योग्यता न होने पर या आश्रित स्वयं अनुकंपा नियुक्ति लेने से इनकार कर दें. उनके द्वारा नामांकित पुत्र या अविवाहित पुत्री को अनुकंपा का प्रावधान था. सरकार ने इस नियम में संशोधन करते हुए विवाहित बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता देने का प्रावधान किया था. इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन कर ट्रांसजेंडर को भी अनंकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है.
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पहले अनुकंपा नियुक्ति के लिए यह था नियम
मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में जो बदलाव किया है. उसके अनुसार ऐसी विधवा, तलाकशुदा बेटी जो कर्मचारी की मौत के वक्त उस पर पूरी तरह आश्रित होकर उसी के साथ रह रही हो. इसके अलावा कर्मचारी की मौत के बाद उसके आश्रित पति या पत्नी के ना होने की स्थिति में विधवा बहू उसको अनुकंपा का नियम था.
कोरोना से मौत के बाद बेटी को मिली थी पहले नियुक्ति
आर्थिक एवं सांख्यिकी के अपर संचालक आरएस राठौर की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो गई थी. इसके मद्देनजर उनकी विवाहित पुत्री श्रद्धा मालवी को पात्रता ना थीं. मानवीय आधार और उच्च न्यायालय, खंडपीठ इंदौर के निर्णय के अनुक्रम में विशेष प्रकरण मानते हुए तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ने उन्हें अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया था.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अनुकंपा संबंधी आदेश 29 सितम्बर, 2014 के प्रावधानों में कैबिनेट द्वारा यह नीतिगत निर्णय भी लिया गया था. अनुकंपा नियुक्ति के लिए पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियां विवाहित ही क्यों ना हों. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग नीति में आवश्यक संशोधन करें.