MP News: बालाघाट लोकसभा सीट पर इस बार भारती पारधी बनाम सम्राट सरसवार, BSP के कंकर मुंजारे बिगाड़ सकते हैं समीकरण
भोपाल: बालाघाट लोकसभा सीट पर पहले चरण में चुनाव होना है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने सम्राट सरसवार को उम्मीदवार बनाया है तो बीजेपी ने भारती पारधी को प्रत्याशी बनाया है. दोनों नेता स्थानीय स्तर की राजनीति से जुड़े हुए हैं. बीजेपी से वर्तमान सांसद ढ़ाल सिंह बिसेन का टिकट काट दिया गया है.
बालाघाट लोकसभा सीट के अंतर्गत दो जिले बालाघाट और सिवनी आते हैं. इस सीट में आठ विधानसभा सीट शामिल हैं. बालाघाट की छह विधानसभा सीट जिनमें बैहर, लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी और कटंगी हैं. सिवनी जिले में विधानसभा सीट बरघाट और सिवनी हैं.
इस लोकसभा सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 13 लाख से ज्यादा है. पुरुष वोटर्स की संख्या करीब सात लाख है. महिला वोटर्स की संख्या भी सात लाख के करीब ही है. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल मतदान 77.61 फीसदी हुआ था.
बालाघाट जिले का लिंगानुपात (sex ratio) 1021 है यानी 1000 पुरुषों पर 1021 महिलायें हैं. इसका मतलब है कि इस सीट पर महिला वोटर अहम हैं. यहां की साक्षरता दर 78 फीसदी से ज्यादा है. साल 2011 की जनगणना की बात करें तो बालाघाट में अनुसूचित जाति की जनसंख्या एक लाख, 13 हजार, 105 है और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या दो लाख, 98 हजार, 665 है.
इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने आमचुनाव 2024 के लिए नए चेहरे उतारे हैं. आइए जानते हैं
भारती पारधी – वर्तमान में पार्षद हैं
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारती पारधी को प्रत्याशी बनाया है. पारधी वर्तमान में बालाघाट नगर पालिका के वार्ड नंबर 22 से पार्षद हैं. साल 1999 से लेकर 2004 तक पारधी जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं.
भारती पारधी ने कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा और ना ही विधानसभा चुनाव. पारधी ने संगठन स्तर पर कई सारी जिम्मेदारियां निभाई हैं. पारधी साल 2000 से 2003 तक बीजेपी महिला मोर्चा प्रदेश समिति की सदस्य रह चुकी हैं. जिला स्तर पर पारधी ने संगठन पर काम किए हैं जिनमें जिला बीजेपी उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री जैसे पद शामिल हैं. इसके अलावा अखिल भारतीय क्षत्रिय पवार महासभा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही हैं.
भारती पारधी के पति खीरसागर पारधी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. साल 2009 से 2022 तक क्षत्रिय पवार समाज के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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सम्राट सरसवार – वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष
कांग्रेस ने आमचुनाव 2024 के लिए सम्राट सरसवार को उम्मीदवार घोषित किया है. वर्तमान में सम्राट सरसवार जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. सरसवार ने स्थानीय राजनीति की है. सम्राट सरसवार बालाघाट विधानसभा से पूर्व विधायक अशोक सरसवार के बेटे हैं. अशोक सरसवार साल 1998 में कांग्रेस के टिकट से विधायक बने थे.
सम्राट स्थानीय राजनीति में कितने सक्रिय है इसका प्रमाण उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनना है. जिला पंचायत के चुनाव से पहले वे कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए थे. मात्र 11 मतों से जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.
इससे पहले भी बालाघाट लोकसभा सीट से सरसवार टिकट की मांग कर चुके हैं. इस बार कांग्रेस ने उन्हें टिकट दे दिया.
भारती पारधी बनाम सम्राट सरसवार
लोकसभा चुनाव के लिए दोनों नया चेहरा हैं. दोनों ने स्थानीय राजनीति और संगठन स्तर पर काम किया है. पारधी चुनाव जीततीं हैं तो वे पहली महिला सांसद होंगी जो बालाघाट से सांसद बनी हों. सम्राट सरसवार को अपने पिता के राजनीतिक करियर का लाभ मिल सकता है क्योंकि बालाघाट से विधायक रह चुके हैं. वहीं बालाघाट से बीएसपी ने कंकर मुंजारे को मैदान में उतारा है. कंकर मुंजारे 1989 में बालाघाट से निर्दलीय सांसद रह चुके हैं.
बालाघाट सीट का राजनीतिक इतिहास
बालाघाट सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. पिछले 26 साल से बीजेपी इस सीट पर जीतते आ रही है. उससे भी रोचक बात ये है कि एक बार छोड़कर बीजेपी ने कभी अपना उम्मीदवार रिपीट नहीं किया. साल 1998 में गौरीशंकर बिसेन, साल 1999 में प्रह्लाद पटेल, 2004 में गौरीशंकर बिसेन, साल 2009 में के डी देशमुख, साल 2014 में बोध सिंह भगत और साल 2019 में ढ़ाल सिंह बिसेन सांसद रहे.
कांग्रेस के चार सांसद ऐसे रहे जो दो बार सांसद बने. साल 1952 से 1962 तक चिंतामन राव गौतम, साल 1967 से 1977 तक चिंतामन ढिबरुजी, साल 1980 से 1989 तक नंदकिशोर शर्मा और साल 1991 से 1998 तक विश्वेश्वर भगत सांसद रहे. विश्वेश्वर भगत कांग्रेस से आखिरी बार बालाघाट से सांसद बने थे.
आमचुनाव 2019 का रिजल्ट
बालाघाट सीट पर लोकसभा चुनाव बीजेपी के ढ़ाल सिंह बिसेन और कांग्रेस के मधु भगत के बीच हुआ था. बिसेन को छह लाख, 96 हजार, 102 वोट मिले थे और भगत को चार लाख, 54 हजार, 36 वोट मिले थे. दोनों के बीच वोट का अंतर दो लाख, 42 हजार के करीब रहा. इस चुनाव में बीजेपी के ढ़ाल सिंह बिसेन ने जीत दर्ज की.
बीएसपी के कंकर मुंजारे बिगाड़ सकते हैं समीकरण
बीएसपी ने इस बार फिर से बालाघाट सीट से कंकर मुंजारे को उतारा है. पिछले आमचुनाव में मुंजारे को 85 हजार के करीब वोट मिले थे. मुंजारे साल 1989 में बालाघाट से निर्दलीय सांसद रह चुके हैं. परसवाड़ा से तीन बार के विधायक भी रह चुके हैं. दो बार जनता पार्टी के टिकट से और एक बार क्रांतिकारी समाजवादी मंच के टिकट से परसवाड़ा विधायक रह चुके हैं.
मुंजारे की पत्नी अनुभा मुंजारे बालाघाट विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हैं. कंकर मुंजारे का सफर निर्दलीय फिर जनता पार्टी फिर क्रांतिकारी समाजवादी मंच फिर समाजवादी पार्टी फिर बीएसपी से होकर साल 2023 में कांग्रेस तक आया. मुंजारे कांग्रेस से टिकट चाहते थे लेकिन कांग्रेस की लिस्ट आने के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीएसपी ज्वॉइन कर ली.