MP News: 24 जून को है वीरांगना रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस, राज्य स्तरीय कार्यक्रम में CM मोहन यादव होंगे शामिल

MP News: इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन ने भी तैयारी पूरी कर ली है मुख्य कार्यक्रम जबलपुर शहर के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा
On the occasion of Martyrdom Day, a state level program is being organized in Jabalpur.

बलिदान दिवस के मौके पर जबलपुर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.

MP News: मुगलों से लोहा लेने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती का 24 जून को बलिदान दिवस है इस बलिदान दिवस के मौके पर जबलपुर में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव शिरकत करेंगे मुख्यमंत्री पूरे महाकौशल क्षेत्र को बलिदान दिवस के मौके पर कई सौगातें भी दे सकते हैं.

इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन ने भी तैयारी पूरी कर ली है मुख्य कार्यक्रम जबलपुर शहर के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा. जहां भव्य पंडाल बनकर तैयार हो गया है वहीं कार्यक्रम की शुरुआत रानी दुर्गावती के समाधि स्थल से होगी मुख्यमंत्री मोहन यादव 24 जून को रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर समाधि स्थल नरई नाला पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और फिर मुख्य कार्यक्रम स्थल वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड आएंगे. जहां जनता को मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित भी किया जाएगा.इस कार्यक्रम में महाकौशल क्षेत्र के तमाम भाजपा के विधायक और जनप्रतिनिधि तो शामिल होंगे ही साथ ही जनजातिया कार्य मंत्री डॉ विजय शाह, कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह, कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल समेत अन्य मंत्री भी शिरकत करने आ रहे हैं.रानी दुर्गावती के बलिदान से आज की युवा पीढ़ी को अवगत कराना इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद है. कार्यक्रम स्थल पर रानी दुर्गावती की जीवन पर आधारित प्रदर्शनी और नृत्य नाटिका का भी आयोजन किया जाएगा. इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से शौर्य यात्राएं भी जबलपुर पहुँच रही हैं.

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कौन है वीरांगना रानी दुर्गावती

वीरांगना रानी दुर्गावती गोंडवाना राज्य की महारानी थी जिनका जन्म 1524 में हुआ था. रानी दुर्गावती के पिता राजा कीर्ति सिंह चंदेल थे गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह के पुत्र दलपत शाह से रानी दुर्गावती का विवाह हुआ था. लेकिन विवाह के 4 वर्ष बाद ही राजा दलपत शाह का निधन हो गया. लिहाजा रानी दुर्गावती ने स्वयं ही गढ़ मंडला का शासन अपने हाथों में ले लिया और रानी होने के नाते उन्होंने पूरे साम्राज्य की बागडोर संभाली. लेकिन इसी दौरान मुगलों की नजरे भी गोंडवाना शासन पर पड़ गई. अकबर का गोंडवाना शासन पर आधिपत्य जमाना मकसद बन गया था लिहाजा अकबर ने अपनी सेना को रानी दुर्गावती पर फतह करने के लिए भेजा. लेकिन रानी दुर्गावती ने मुगलों के आगे झुकने से इनकार कर दिया और मुगलों को मुंहतोड़ जवाब दिया और मुगलों से युद्ध लड़ते-लड़ते 1564 में शहीद हो गई. रानी दुर्गावती ने 16 साल तक राज्य संभाला था कहते हैं उनके शासनकाल में बनाए गए मठ,मंदिर,कुंए,बाबड़ी आज भी आधुनिक इंजीनिरिंग को चुनौती देते हैं.

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