MP में AI के जरिए रोकेंगे रेत का अवैध परिवहन, सैटेलाइट इमेज-रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी से होगी खदानों की निगरानी

MP News: प्रदेश में 40 स्थानों पर रेत का सर्वाधिक परिवहन होता है, इसलिए यहां खनिज के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित मानव रहित चेक गेट लगाए जा रहे हैं.
Now, with the help of Artificial Intelligence, efforts will be made to stop illegal sand and other mineral mining in the state.

प्रदेश में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अवैध रेत और अन्य खनिज खनन पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी.

MP News: बारिश का दौर थमते ही प्रदेश में रेत खदानों में खनन की तैयारी शुरू हो गई है. खनिज साधन विभाग ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ठेकेदारों को खदानों से रेत खनन की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं. खनिज विभाग ने अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से प्रदेश में रेत के अवैध खनन, भंडारण और अवैध परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने की तैयारियां तेज कर दी हैं.

सरकार इसके लिए दो सिस्टम विकसित कर रही है. रेत के अवैध खनन व भंडारण की रोकथाम के लिए जियो स्पेटियल टेक्नोलॉजी (भू- स्थानिक प्रौद्योगिकी) का उपयोग कर खनन निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है. ऐसे ही रेत का अवैध परिवहन रोकने के लिए प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित मानव रहित 40 चेक गेट लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा खनिज परिवहन करने वाले सभी वाहनों को जीपीएस युक्त किए जाने की योजना है. खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खनन निगरानी प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश की सभी खदानों को जियो टैग कर सैटेलाइट इमेज ( उपग्रह चित्र ) एवं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी की सहायता से प्रदेश में हो रहे अवैध उत्खनन एवं भंडारण पर निगरानी रखी जाएगी. यह प्रणाली निर्धारित खनन क्षेत्र के बाहर हो रहे अवैध खनन का पता लगाने में सक्षम होगी.

दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाएगा

इसके अंतर्गत एक निश्चित समय अंतराल पर सतत रूप से प्राप्त सैटेलाइट इमेजेस का विश्लेषण कर सिस्टम द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन को अलर्ट भेजे जाएंगे, जिसका क्षेत्रीय अमले द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से परीक्षण, निरीक्षण कर रिपोर्ट पोर्टल, मोबाइल एप पर दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर खदान या उसके बाहर ड्रोन सर्वे करवाकर वास्तविक उत्खनित मात्रा का पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाएगा. ड्रोन सर्वे से यह पता चल सकेगा की ठेकेदार को दी गई खदान का एरिया कितना है और उसमें कितनी रेत उपलब्ध है.

ये भी पढ़ें: पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित गोंड कलाकार दुर्गाबाई BJP में शामिल, CM मोहन यादव ने दिलाई सदस्यता

एआई चेक गेट पर ऐसे की जाएगी वाहनों की जांच

प्रदेश में 40 स्थानों पर रेत का सर्वाधिक परिवहन होता है, इसलिए यहां खनिज के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित मानव रहित चेक गेट लगाए जा रहे हैं. भोपाल और आसपास ऐसे 4 चेक गेट लगाने का काम पूरा हो गया है. इस प्रणाली अंतर्गत सड़क के दोनों ओर लोहेनुमा गैंट्री स्थापित की जाएगी, जिसके ऊपर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन कैमरा, वैरिफोकल कैमरा व आरएफ टैग रीडर लगाए जाएंगे। जैसे ही कोई खनिज वाहन गैंट्री के नीचे से गुजरेगा, तब वैरिफोकल कैमरा वाहन में भरे हुए खनिज एवं उसकी मात्रा का सत्यापन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से कर लेगा और इसी के साथ चेक गेट के सॉफ्टवेयर द्वारा विभागीय पोर्टल से अभिवहन पास की जानकारी प्राप्त कर अभिवहन पास का भी सत्यापन किया जाएगा.

आरएफटैग स्कैन कर रुकेगा अवैध परिवहन

यदि किसी वाहन का वैध अभिवहन पास परिवहन के समय चेक गेट को प्राप्त नहीं होगा, तो सिस्टम द्वारा अवैध परिवहन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा और साक्ष्य संबंधी संपूर्ण जानकारी (वीडियो एवं फोटो) पोर्टल पर संकलित की जाएगी. क्षेत्रीय अमले को हैंड-हेल्ड डिवाइस दी जा रही हैं। इन डिवाइस द्वारा वाहन का नंबर / आरएफटैग स्कैन कर अवैध परिवहन की जांच की जाएगी.

ज़रूर पढ़ें