MP News: नीमच मे है प्रसिद्ध भादवा माता मंदिर; 800 साल से जल रही है अखंड ज्योत, बावड़ी के पानी से दूर होती हैं बीमारियां
MP News: एमपी में देवी दुर्गा या शक्ति के अनेक मंदिर हैं. इन मंदिरों में से एक नीमच का भादवा देवी मंदिर है. इस मंदिर के बारे में श्रद्धालुओं के बीच विशेष आस्था है. नीमच ही नहीं एमपी समेत पूरे देश में भादवा देवी के महिमा के बारे में सभी को जानकारी है कि कैसे माता अपंगता दूर करती हैं.
मालवा की वैष्णो देवी कहलाती हैं
प्रसिद्ध भादवा माता मंदिर नीमच से लगभग 20 किमी दूर स्थित है. इस मंदिर में भादवा देवी महामाया के रूप में विराजमान है. एमपी के मालवा क्षेत्र में इन्हें वैष्णों देवी के नाम से जाना जाता है. गर्भगृह में भादवा देवी की प्रतिमा स्थापित है. पूरे गर्भगृह को चांदी से सजाया गया है जो देखने में बेहद ही आकर्षक लगता है. मूर्ति के सामने देवी के नौ रूप भी विराजमान हैं. ये नौ रूप ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, नरसिंही, ऐंद्री, शिवदत्ती और चामुंडा.
800 साल से जल रही दिव्य ज्योत
ऐसा कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना भादवा देवी ने खुद करवाई है. कहानी कुछ इस तरह है कि देवी ने मंदिर के पुजारियों को सपने में दर्शन देकर मंदिर स्थापित करवाया था. स्वयंभू प्रतिमा को इस मंदिर में स्थापित किया गया है. जब मंदिर बनवाया गया तब यहां अखंड ज्योत जलाने की परंपरा शुरू हुई. ये परंपरा आज भी जारी है यानी 800 साल से यहां अखंड ज्योत जल रही है.
ये भी पढ़ें: 3 अक्टूबर से शुरु हो रही हैं शारदीय नवरात्रि, जानिए कब है घटस्थापना का मुहूर्त
बावड़ी के पानी से दूर होती हैं बीमारियां
इस मंदिर के परिसर में एक चमत्कारिक बावड़ी है. इस बावड़ी के पानी के बारे में कहा जाता है कि इसके पानी को पीने और नहाने से बीमारियां दूर होती हैं. यहां लोग दूर-दूर से लकवा, पोलियो, कुष्ठ जैसी बीमारी से निजात पाने के लिए यहां आते हैं. इस बावड़ी के पानी को देवी का आशीर्वाद समझकर पीते भी हैं और नहाते भी हैं. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर स्थापना के समय ही भादवा माता के आशीर्वाद से इस बावड़ी का निर्माण किया गया था.
चांदी के मुर्गे और बकरे चढ़ाते हैं श्रद्धालु
मंदिर में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार चांदी के मुर्गे और बकरे चढ़ाते हैं. जिन लोगों शारीरिक अपंगता से मुक्ति मिल जाती है वे यहां मुर्गे और बकरे चढ़ाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से माता खुशी होती हैं. इसके साथ-साथ एक मान्यता और भी प्रचलित है कि आरती के समय ये मुर्गे और बकरे भाग लेते हैं.
गुजरात-राजस्थान से भी आते हैं श्रद्धालु
भादवा माता मंदिर एमपी के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान में भी बहुत प्रसिद्ध है. राजस्थान के मेवाड़ रीजन से श्रद्धालु श्रद्धा के साथ दर्शन के लिए आते हैं. गुजरात से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. इन दोनों राज्यों के अलावा देश-दुनिया से लोग यहां आते हैं.
नवरात्रि में होतें हैं विशेष आयोजन
वैसे तो सालभर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के समय भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है. चैत्र नवरात्रि और शारदेय नवरात्रि दोनों में मंदिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. मंदिर के गर्भगृह में स्थापित माता के नौ स्वरूपों को नवरात्रि के नौ दिनों में पूजा जाता है. भादवा माता का विशेष शृंगार किया जाता है. मंदिर को फूलों से सजाया जाता है. भक्तों को के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है.