MP News: कैबिनेट की बैठक में आज दी जा सकती है नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी, तबादलों के लिए 15 दिन के के लिए हटेगा बैन
MP News: मंत्रियों को जिलों के प्रभार के आवंटन के साथ ही प्रदेश में अधिकारी, कर्मचारियों के तबादलों का रास्ता साफ हो गया है. अधिकारी और कर्मचारियों के तबादलों से 15 दिन के लिए बैन हटेगा। एक से दूसरे जिले में अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन से और जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे. किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं होंगे.
सरकार की नई ट्रांसफर पॉलिसी में इसका प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट की बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी सकती है। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद 21 अगस्त से 5 सितंबर तक प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटेगा. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि नई ट्रांसफर पॉलिसी में पुरानी पॉलिसी के अनुसार राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, विभागाध्यक्ष और क्लास वन अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री की सहमति से संबंधित विभाग ही करेगा। जो अधिकारी जिस जिले में पदस्थ रहा है, उसकी वहां पोस्टिंग नहीं होगी.
तीन साल पूरे कर चुके अधिकारियों को मिलेगी प्राथमिकता
नई ट्रांसफर पॉलिसी के प्रस्ताव के अनुसार राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का ट्रांसफर सीएम के अनुमोदन के बाद सामान्य प्रशासन विभाग करेगा. जिले के भीतर कलेक्टर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार और नायब तहसीलदार का तबादला कर सकेंगे. ऐसे ही क्लास वन और क्लास टू अधिकारी, जिन्हें जिलों में तीन साल पूरे हो गए हैं, उनका दूसरे जिलों में ट्रांसफर सरकार करेगी. जिले में तीन साल पूरे करने वाले तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का भी ट्रांसफर किया जा सकेगा.
पुलिस विभाग में ऐसे होंगे तबादले
पुलिस विभाग में डीएसपी और उनसे वरिष्ठ पुलिस अफसरों के ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देश और विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री की सहमति से होंगे. जिले के भीतर डीएसपी से नीचे के पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों के तबादले का निर्णय पुलिस स्थापना बोर्ड लेगा. पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से तबादला आदेश जारी कर सकेंगे.
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शक्ति मिशन में नए पद सृजित होंगे
कैबिनेट की बैठक में महिला-बाल विकास विभाग के शक्ति मिशन के लिए नए पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी. ये पद राज्य और जिला स्तर पर सृजित किए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश में जिन स्थानों पर साइबर तहसील शुरू नहीं हो पाई हैं, वहां साइबर तहसील शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाएगी.
पिछले साल नहीं आई थी पॉलिसी
गौरतलब है कि पिछले साल ट्रांसफर पॉलिसी घोषित नहीं हुई थी. कर्मचारियों की मांग पर तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 15 जून से 30 जून तक ट्रांसफर से बैन हटाया था. बाद में इसे 7 जुलाई तक बढ़ाया गया था. निर्वाचन कार्य से जुड़े कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, शिक्षक व पटवारियों का ट्रांसफर नहीं हुआ था। चुनाव आयोग के निर्देश पर तीन साल से एक ही जगह जमे अधिकारियों का ट्रांसफर जरूर हुआ था . जिलों के अंदर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से तबादले हुए थे.
नई पॉलिसी में यह भी किए गए प्रावधान
जो अधिकारी या कर्मचारी एक साल या उससे कम समय में रिटायर्ड हो रहे हैं, उनका तबादला नही होगा.
पति-पत्नी एक साथ ट्रांसफर का आवेदन देते हैं, तो उनका ट्रांसफर किया जाएगा.
जो कर्मचारी 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग कैटेगरी में हैं, तो उनका ट्रांसफर नही होगा. वे चाहें तो खुद ट्रांसफर ले सकेंगे.
खुद के खर्च पर और म्युचुअल ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन या कार्यालय प्रमुख को आवेदन देना होगा.
खुद के खर्च पर रिक्त पदों पर किए गए ट्रांसफर या प्रशासनिक कारणों से किए गए ट्रांसफर के आदेश अलग-अलग जारी होंगे.
अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पदों को भरने को प्राथमिकता दी जाएगी.
निर्माण और नियामक से जुड़े विभागों के ऐसे कर्मचारी, जिन्होंने पिछले साल के टारगेट पूरे नहीं किए हैं, उनका प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर होगा। यह व्यवस्था बाकी विभागों में लागू नहीं होगी.
नई पॉलिसी में यह बिंदु प्रमुखता से शामिल किया गया है कि जिन जिलों में लिंगानुपात कम हो, वहां महिला अधिकारियों की पोस्टिंग को प्राथमिकता दी जाएगी.