MP News: एमपी बना हथियारों का ट्रांजिट प्वाइंट, 10 इलाकों में एनआईए की दबिश का कारण, सिकलीगरों का अवैध काला कारोबार

NIA Raid in MP: एनआईए ने जांच करते हुए अवैध हथियारों के सप्लाई के धंधे को एमपी को ट्रांजिट प्वाइंट माना है.
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एनआईए (फाइल फोटो)

भोपाल: एनआईए ने अवैध हथियारों की तस्करी के मामले में सबसे ज्यादा दूसरे राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में दबिश दी है. इसका कारण है कि अवैध हथियारों के काले कारोबार में सिकलीगर शामिल है. आसानी से दूसरे राज्यों में हथियार सप्लाई कर रहे हैं. एमपी से महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और राजस्थान तक अवैध हथियारों की सप्लाई हो रही है.

एनआईए ने जांच करते हुए अवैध हथियारों के सप्लाई के धंधे को एमपी को ट्रांजिट प्वाइंट माना है. इसी के आधार पर पिछले दिनों चार शहरों में दबिश दी थी. एमपी के अवैध हथियारों के कनेक्शन खालिस्तान और मूसेवाला की हत्या से सामने आया था. जिसके बाद एनआईए लगातार छापेमारी कर रही है. पिछले दो सालों में एनआईए ने अवैध हथियारों की सप्लाई और सिंडिकेट के मामले में 6 बार दबिश दे चुकी है. अबतक 14 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. इसमें से कई आईईडी बनाने और राजस्थान में ब्लास्ट की साजिश में भी गिरफ्तार हो चुके हैं.

पंजाब डीजीपी के पत्र के बाद एमपी को जांच के दायरे में एजेंसी ने किया शामिल

दो साल पहले तत्कालीन पंजाब के डीजीपी ने एमपी पुलिस को पत्र लिखते हुए कहा था कि चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. बड़ी संख्या में हथियार आरोपियों से बरामद किए गए हैं. सभी आरोपी खरगोन के रहने वाले हैं. जिसके बाद तत्कालीन एसपी धरमवीर सिंह ने अवैध हथियार फैक्ट्री में दबिश देकर सैकड़ों की संख्या में पिस्टल बरामद करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद खालिस्तान समर्थकों को हथियार सप्लाई करने के मामले में सिकलीगरों के नाम सामने आए. कुछ समय के बाद सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में हथियारों की सप्लाई में एमपी से ही कनेक्शन सामने आया था. इन मामलों के बाद जांच एजेंसी एनआईए ने कई इलाकों में दबिश दी है.

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एसटीएफ ने किया ट्रांजिट प्वाइंट का खुलासा

पिछले साल एसटीएफ ने महाराष्ट्र के तीन युवकों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए थे. आरोपी एमपी से हथियार खरीदकर यूपी में सप्लाई करने वाले थे. ठीक ऐसा ही पैटर्न मंदसौर से भी जुड़ा हुआ था. आरोपी एमपी से हथियार खरीदकर राजस्थान में सप्लाई करते थे. एनआईए ने जांच में पाया है कि चार जिलों में सिकलीगर गिरोह के बनाए हथियार कई राज्यों में सप्लाई होते हैं.

क्या है सिकलीगरों का काम, क्यों हैं हथियारों के कारोबार में शामिल

एमपी के पूर्व डीजीपी बताते हैं कि सिकलीगर समुदाय अंग्रेजों के जमाने से हथियार बनाता आ रहा है. ऐसे ही कई समुदाय के लोग हैं. जो अपना पुश्तैनी काम कई दशक पहले छोड़ चुके हैं लेकिन सिकलीगर ही ऐसा समुदाय है जो हथियारों के कारोबार में अबतक शामिल है. इनके पास हथियारों को तैयार करने का हुनर होता है. सेमी आटोमैटिक पिस्टल और ग्लाक तक बनाने में माहिर होते हैं. धार, बड़वानी, खरगोन में अधिकांश सिकलीगर परिवार लंबे समय से कारोबार करते आ रहे हैं, खास बात है कि यह कभी हत्या या फिर किसी वारदात को अंजाम नहीं देते हैं लेकिन इनके बनाए हथियारों को तस्कर दूसरे बड़े गैंगस्टर को बेंचते हैं. फिर जांच में आखिरकार सिकलीगर का नाम सामने आता है.

लिंक चैन के जरिए राज्यों में ऐसे होती है सप्लाई

सूत्रों का कहना है कि तस्कर सिकलीगरों के संपर्क में रहते हैं. कम दाम पर हथियार खरीदते हैं, फिर उन्हें ज्यादा दाम पर बेंचते हैं. एमपी के सिकलीगरों के हथियार कोलकाता और उड़ीसा तक बेंचे जाते हैं. इसके लिए तस्करी की एक लिंक चैन भी है, जो आसानी से दूसरे राज्यों तक हथियार पहुंचाते हैं. यूपी और बिहार अवैध रूप से कट्टे ज्यादा बनते हैं. जिन्हें गैंगस्टर नहीं इस्तेमाल करते हैं. पिस्टल और सेमी आटोमैटिक हथियारों का ही इस्तेमाल हत्या में करते हैं. इसी फैक्ट्स के आधार पर ही एनआईए ने जांच शुरू की है.

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