MP News: सीएम मोहन यादव को अधिकारियों ने दिए प्रेजेंटेशन, विभाग की 6 महीने की बताईं उपलब्धियां
MP News: सीएम ने प्रेजेंटेशन देखकर कुछ जरूरी सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि सरकार बने छह महीने हो चुके हैं. बीच में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकारी काम प्रभावित हुए हैं.
MP News: लोकसभा चुनाव निपटते ही मप्र सरकार एक्टिव मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों की बैठक में अपने इरादे स्पष्ट कर दिए. बैठक में सबसे पहले उन्होंने अधिकारियों से छह महीने के कामकाज का फीडबैक लिया. फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपना 100 दिन का विजन बताएं, वे बताएं कि इस अवधि में अपने विभाग में क्या नया करेंगे? फिर उन्होंने अधिकारियों से आगामी दो साल और साढ़े चार साल के रोडमैप पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी बताएं कि साढ़े चार साल बाद जब हम चुनाव में जनता के बीच जाएंगे, तो हम लोगों को क्या बताएंगे की सरकार ने प्रदेश के विकास और आमजन के कल्याण के लिए क्या किया? मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रमुख विभागों के अधिकारियों ने एक-एक कर प्रेजेंटेशन के जरिए अपने-अपने विभाग की छह महीने की उपलब्धियां बताईं और उन्होंने आने वाले 100 दिन का विजन मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. अधिकारियों ने आने वाले दो साल और साढ़े चार साल का रोडमैप भी मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सदस्यों के समक्ष रखा.
सीएम ने प्रेजेंटेशन देखकर कुछ जरूरी सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि सरकार बने छह महीने हो चुके हैं. बीच में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकारी काम प्रभावित हुए हैं. चूंकि अब आचार संहिता हट चुकी है, इसलिए सभी विभाग रोडमैप तैयार कर काम करें. आने वाले 100 दिन के लिए जो टारगेट रखे हैं, उन्हें निर्धारित अवधि में पूरा करें अधिकारी विभागों में नवाचार करें और मंत्रियों के साथ समन्वय बनाकर काम करें. काम में किसी तरह की बाधा आए, कोई उलझा हुआ अंतर्विभागीय मुद्दा हो, तो मेरे पास आएं. इसमें कोई हिचक न करें.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र-2023 के संकल्पों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता में है. अधिकारी अपने-अपने विभाग संबंधित संकल्प पत्रों का संकलन कर संकल्प पूरा करने की दिशा में कार्रवाई करें. हमारा लक्ष्य आने वाले साढ़े चार साल में संकल्प पत्र के एक-एक संकल्प को पूरा करना है. उन्होंने मंत्रियों को समय-समय पर अधिकारियों के साथ बैठकर विभागीय गतिविधियों की बारीकी से समीक्षा के निर्देश दिए.
सुशासन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता – सीएम
सुशासन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी विभागों से कहा गया है कि योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर दिखना चाहिए. अफसरों से कहा गया है कि विकास कार्य समय पर पूरे किए जाएं, प्रमुख सचिवों को फील्ड का दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
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सीएम के निर्देशों का असर, मंत्री एक्शन में
मुख्यमंत्री के निर्देशों का असर दूसरे दिन ही नजर आया. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला, महिला एवं विकास मंत्री निर्मला भूरिया, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल आदि ने मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों के साथ 100 दिन के विजन पर चर्चा की और सीएम के निर्देशानुसार काम करने के निर्देश दिए.
समय-सीमा में सुधारे जाएं बिजली बिल
मंत्री तोमर ने समीक्षा बैठक में कहा कि त्रुटिपूर्ण बिजली बिल सुधारने की प्रक्रिया समय-सीमा में पूरी की जाए. बिजली उपभोक्ता को इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए. मेंटेनेंस की टीम बढ़ाई जाए और मेंटेनेंस नियमित रूप से करवाएं, जिससे ट्रिपिंग में कमी आए. विद्युत वितरण केन्द्रवार विद्युत हानि की जानकारी लें. इसके बाद विद्युत हानि रोकने की सुनियोजित कार्य योजना बनाएं.