MP News: महाकुंभ सिंहस्थ से पहले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से जुड़ेगा उज्जैन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव

MP News: देश का सबसे लंबा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे वर्ष 2017 में मंजूर हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2019 में इसका शिलान्यास किया था.
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प्रतीकात्मक चित्र

MP News: मध्य प्रदेश में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए बड़ा प्रोजेक्ट प्लान किया गया है. मप्र से होकर गुजर रहे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को उज्जैन से जोड़ा जाएगा. इसके लिए फोर लेन रोड बनाई जाएगी. प्रोजेक्ट पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. इसके निर्माण के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है. मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने यह योजना तैयार की है.

शुरुआती योजना के मुताबिक जावरा से उज्जैन के बीच फोर लेन ग्रीन फील्ड मार्ग का निर्माण किया जाएगा. इसके दोनों ओर यात्रियों की सुविधा के लिए फूड प्लाजा समेत अन्य सुविधाएं जुटाई जाएंगी. इसकी लंबाई लगभग 85 किमी होगी. यह एक्सेस कंट्रोल रहेगा. यानि हर कहीं से वाहन इस रोड पर नहीं आ सकेंगे. इससे वाहन न केवल तय रफ्तार से चल सकेंगे बल्कि दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाएगी. यह रोड बनने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से उज्जैन की कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी और सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं की दिक्कत नहीं होगी. सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के लिए कई और सड़कों को चौड़ा किया जाना है. भोपाल से देवास और इंदौर से उज्जैन के बीच रोड नेटवर्क बेहतर बनाया जाएगा. इसके लिए राजधानी से देवास तक स्टेट हाइवे नं 28 को सिक्स लेन किया जाएगा. यह फिलहाल फोर लेन है. निर्माण पूरा होने पर भोपाल से देवास के बीच 141 लंबे मार्ग पर वाहन सरपट दौड़ सकेंगे.

देवास, इंदौर, भोपाल, उज्जैन की बढ़ेगी कनेक्टिविटी

देवास से इंदौर का रास्ता पहले से ही सिक्स लेन है. ऐसे में भोपाल- इंदौर का ट्रेफिक सिक्स लेन पर चलेगा. इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन रोड को भी सिक्स लेन किया जाना है. इस पर 1692 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्युटी मोड पर किया जाएगा. इस 46 किमी लंबे मार्ग को सिक्स लेन करने के लिए चयनित एजेंसी को दो साल का समय दिया जाएगा.

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244 किमी हिस्सा तीन जिलों से गुजरेगा, देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस

देश का सबसे लंबा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे वर्ष 2017 में मंजूर हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2019 में इसका शिलान्यास किया था. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) यह प्रोजेक्ट कर रहा है. देश की राजधानी दिल्ली से इकोनॉमिक कैपिटल मुंबई को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे की लंबाई 1350 किमी होगी. प्रोजेक्ट पर एक लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है. इसमें से लगभग 244 किमी हिस्सा प्रदेश के तीन जिलों मंदसौर, झाबुआ और रतलाम से होकर गुजरेगा. प्रदेश में मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से एक्सप्रेस वे की शुरुआत हो रही है. यह थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी और कोटा होकर दिल्ली तक जाएगा .

8 लेन सड़क पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन

इस प्रोजेक्ट को ऐसे प्लान किया गया है कि आठ लेन को भविष्य में 12 लेन किया जा सके. इस पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा रहेगी. इस साल दिसंबर तक एक्सप्रेस वे का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रोजेक्ट पूरा होने पर दिल्ली- मुंबई के बीच का सफर आधे समय में तय किया जा सकेगा.

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