MP News: एमपी में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के मामले में बड़ा अपडेट, अब रिटायर्ड जस्टिस और पूर्व IAS जुलानिया की कमेटी करेगी जांच

Nursing Collage CBI Scam: इस कमेटी में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच समिति जांच करेगी.
After the order of the High Court in the nursing college fraud case in the state, a 3 member committee will investigate the deficient college.

प्रदेश में हुए नर्सिंग कालेज फर्जीवाड़े में हाई कोर्ट के आदेश के बाद 3 सदस्य समिति डेफिशिएंट कॉलेज की जांच करेगी.

Nursing Collage CBI Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जी वाले मामले में अब हाई लेवल कमेटी जांच करेगी. रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में पूर्व आईएएस राधेश्याम जुलानिया और अमरकंटक विश्वविद्यालय के कुलपति को शामिल किया गया है. सीबीआई की जांच में डेफिशिएंट पाए गए 73 नर्सिंग कॉलेज की 1 जून तक जानकारी बुलाई गई है. डेफिशिएंट नर्सिंग कॉलेज को जांच समिति के सामने कर्मियों को दूर करने के लिए प्रतिवेदन देना होगा. हाई कोर्ट के आदेश के बाद 3 सदस्य समिति डेफिशिएंट कॉलेज की जांच करेगी.

इस कमेटी में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच समिति जांच करेगी. साथ ही इस कमेटी में पूर्व आईएएस राधेश्याम जुलानिया और इंदिरा गांधी ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी को भी शामिल किया गया है. कमेटी इन कॉलेज में अब तक हुई परीक्षा, एडमिशन सहित सभी शिकायतों के आधार पर गड़बड़ियों की जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट सौपेंगी. दरअसल, बीते दिनों सीबीआई की जांच में 167 नर्सिंग कॉलेज सूटेबल पाए गए थे. जबकि 73 डिफिशिएंट कमी वाले कॉलेज शामिल थे और 66 सूटेबल यानी कि अनफिट पाए गए थे.

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इसके बाद सीबीआई के रिश्वत के मामले का खुलासा हुआ. सीबीआई दिल्ली ने सीबीआई के अधिकारियों को गिरफ्तार किया. यह वह अधिकारी थे, जो नर्सिंग फर्जी वाडे़ मामले की जांच कर रहे थे. साथ ही नर्सिंग कॉलेज के संचालकों से करोड़ों रुपए की रिश्वत ली. इसके बाद दिल्ली सीबीआई ने तीन अधिकारियों को गिरफ्तार करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है साथ ही दलाल और कॉलेज संचालकों को भी पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है. वहीं मध्य प्रदेश में भी सरकार ने नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिए है कि पूरे मामले की जांच की जाए.

कमेटी के सामने सही रिपोर्ट नहीं देने पर हमेशा के लिए बंद होंगे कॉलेज

खास बात है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है लेकिन अगर कॉलेज संचालक गलत जानकारी देंगे तो उनके हमेशा के लिए कॉलेज बंद करने का फैसला भी समिति करेगी. इससे पहले भी कॉलेज को अपात्र के बाद पात्र घोषित करने के मामले में सीबीआई पहले ही दागदार हो चुकी है. अब न्याय सिर्फ कमेटी से है. आखिर मध्य प्रदेश में एक लाख से भी अधिक छात्रों की भविष्य के बारे में कमेटी हाईकोर्ट को क्या रिपोर्ट देता है.

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