MP News: रीवा सहित विंध्य में रहस्यमय बुखार का खतरा बढ़ा, आंकड़े डराने वाले, समय पर इलाज नहीं होने पर कोमा में जा सकता है मरीज
MP News: रीवा सहित विंध्य में डेंगू पैर पसार चुका है साथ में स्क्रब टायफस यानी की रहस्यमय बुखार के भी पेशेंट सामने आ रहे हैं. जांच करने के बाद पता चलता है कि डेंगू या स्क्रब टायफस है. इस रहस्यमय बुखार का अलर्ट इन दिनों पूरे प्रदेश में जारी किया गया है.
पिछले कुछ महीने की अगर बात करें तो 3479 मरीज डेंगू के मिले हैं. वहीं 2862 सैंपल की जांच में 387 स्क्रब टायफस के रोगी सामने आए हैं. दरअसल डेंगू और स्क्रब टायफस के लक्षण लगभग एक समान होते हैं जिसके कारण दोनों में पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है टायफस को रहस्यमय बुखार इसलिए भी कहा जाता है. क्योंकि डॉक्टर का कहना है कि पिछले एक डेढ़ महीने से इसके केस ज्यादा बढ़ रहे हैं.
डॉक्टर के मुताबिक पिछले कुछ महीनो में इसके केस ज्यादा बढ़े हैं. डॉक्टर बताते हैं कि यह बीमारी बैक्टीरिया संक्रमित चूहे के पिस्सू के काटने पर फैलती है. यानी की चूहे की चमड़ी के ऊपर जो पिस्सू रहता है. अगर वह काट ले तो स्क्रब टायफस होता है. यह बुखार पहले किसानों और बागवानों को होता था. लेकिन अब शहरो में भी फेल रही है झाड़ियों में रहने वाले चूहो के पिस्सू पहुंच जाते है डॉक्टर बताते है की इसके निशान बड़े चक्काते जैसे होते है.
प्रदेश के बाहर रहने वाले मरीज भी जिला अस्पताल में भर्ती
रीवा में कई मरीज ऐसे है जो आईसीयू में भर्ती है जो देश में मुंबई और पुणे में रहते थे लेकिन इस स्क्रब टायफस की बीमारी से ग्रसित होने के बाद रीवा के जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है. इस गंभीर बीमारी के बैक्टीरिया में होने वाली बीमारी के लक्षण पीसू के काटने से 10 दिन के बाद दिखने शुरू होते हैं. संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ ठंड लगती है इसके अलावा सर दर्द बदन दर्द के साथ मांसपेशियों में तेज दर्द शुरू हो जाता ह. संक्रमण ज्यादा होने पर हाथ पैर गर्दन और कूल्हे के नीचे गिल्टिया हो जाती है. साथ ही संक्रमण के बाद सोचने समझने की क्षमता भी कम होने लगती है कभी-कभी शरीर पर दाने भी पड़ जाते है.
विशेषज्ञ सावेन्द्र सिंह सिकरवार के मुताबिक स्क्रब टायफस को लेकर सतर्कता बेहद जरूरी है पहले हाथों और पैरों को अच्छे से ढक कर रखें संक्रमित होने पर तुरंत डॉक्टर की परामर्श ले स्क्रब टायफस से बचने के लिए घर के आसपास झाड़ियां ना जमा होने दे साफ कपड़े पहने और पानी को इकट्ठा न होने दे.
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सही समय पर इलाज न हो तो कोमा में जा सकता है मरीज
बेहद खतरनाक बीमारी स्क्रब टायफस अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो मरीज को कोमा तक की समस्या महसूस होने लगती है कुछ लोगों में ऑर्गन फैलियर और इंटरनल ब्लीडिंग भी शुरू हो जाती है. वहीं रीवा में मच्छरों के कारण अलग-अलग बीमारियां बढ़ रही है जिसके कारण डेंगू के साथ स्क्रब टायफस पैर पसारता जा रहा है लगातार संक्रमित व्यक्ति मिल रहे हैं जिनका इलाज हो रहा है. इससे बचाव के लिए नगर निगम के द्वारा मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग की जाती है. लेकिन नगर निगम का यह प्रयास लगभग ना के बराबर होता है.
ऐसा इसलिए भी क्योंकि नगर निगम की फॉगिंग मशीन खराब हो चुकी है जिसके कारण शहर के वार्डों में भी फागिंग नहीं हो पाती और मच्छर उत्पन्न होते रहते लेकिन नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि फागिंग होती है. मशीन खराब है उसे सुधार कर लिया जाएगा.