MP News: एमपी में किसानों को बिना लोन दिए निकाल ली अनुदान की राशि, सरकारी खजाने को लगा 88 लाख का चूना, सहकारिता विभाग के 25 अफसरों के खिलाफ FIR

EOW Registered FIR: यह कार्रवाई शुजालपुर के पूर्व विधायक नेमीचंद जैन की शिकायत की जांच के बाद की है इस घोटाले से सरकारी खजाने को तकरीबन 88 लाख रुपए का चूना लगा था.
EOW has registered an FIR against 25 officers of the Cooperative Department.

ईओडब्ल्यू ने सहकारिता विभाग के 25 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

MP News: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने सहकारिता विभाग के 25 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोपी अफसरों ने हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किए बिना अनुदान की राशि निकाल ली थी. इससे सरकारी खजाने को तकरीबन 88 लाख रुपए का चूना लगा था. जांच एजेंसी ने शाजापुर के जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी भागवत उमाले और जिला खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सहकारी प्रबंधक कामता कोरी सहित 25 अफसरों को नामजद आरोपी बनाया है.

ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई शुजालपुर के पूर्व विधायक नेमीचंद जैन की शिकायत की जांच के बाद की है. जैन की ओर से यह शिकायत 11 जनवरी 2008 को की गई थी. यह पूरा मामला प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था सहित शाजापुर जिले की 15 से अधिक समितियों से जुड़ा है. जैन ने अपनी शिकायत में लिखा था कि अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति शाजापुर एवं जिला खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों ने जिला सहकारी बैंक एवं प्राथमिक संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर बड़ी आर्थिक अनियमितता की है. आरोपियों ने हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किए बगैर अनुदान की राशि निकालकर 88 लाख रुपयों का आपराधिक दुर्विनियोग किया है. जांच के दौरान पाया गया कि जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित शाजापुर का गठन वर्ष 1979 में किया गया था. सहायक पंजीयक सहकारी संस्था शाजापुर द्वारा संस्था का पंजीयन क्रमांक 142 दिनांक 27 नवंबर 1979 को किया जाकर संस्था की उपविधियां और बायलाज तैयार किया था. दस्तावेजों के हिसाब से जिला कलेक्टर को समिति का पदेन अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सचिव बनाया गया था.

अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की योजना में लगाई थी सेंध

मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम मर्यादित भोपाल के माध्यम से अंत्योदय स्व-रोजगार योजना लागू की गई थी. इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्यों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान था. उक्त योजना अंतर्गत आवेदकों को ऋण के लिए आवेदन-पत्र समिति कार्यालय से प्राप्त करना था. उस आवेदन पत्र को भरकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार की ओर से जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, शपथ पत्र एवं स्वयं के छायाचित्र के साथ समिति के कार्यालय में जमा करना था. समिति के क्षेत्राधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण एवं समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर सबंधित बैंक शाखा को ऋण स्वीकृत करने की अनुशंसा के साथ भेजने की कार्यवाही की जानी थी. शाखा कार्यालय अपने लक्ष्य अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को हितग्राहियों को सदस्य बनाने, पात्रता जांचने एवं स्वीकृति योग्य प्रकरणों के सबंध में संचालक मंडल में प्रस्ताव पारित कराकर फिर से शाखा कार्यालय को प्रस्तुत करने के लिए भेजा जाना था. शाखा कार्यालय उन प्रकरणों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाजापुर मुख्यालय को स्वीकृति के लिए प्रकरण भेजे भी गए थे.

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अफसरों ने मिलकर किया फर्जीवाड़ा

स्वीकृत राशि का 50 फीसदी अथवा अधिकतम 10 हजार रुपए अनुदान के तौर पर दिए जाते थे. इसके लिए अनुदान मांग प्रपत्र- एक को समिति कार्यालय में जमा किया जाना था. संस्था से अनुदान स्वीकृति सूची को समिति अध्यक्ष को भेजा जाता था. उसके बाद अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से अनुदान राशि का चेक जारी किया जाता था. यह भी अनिवार्य था कि अनुदान राशि को ऋण खाते समाहित किया जाएगा.
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति शाजापुर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी भागवत उमाले एवं लेखापाल अजीत फलके ने आपराधिक षडयंत्र कर अनुदान राशि की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और बिना ऋण स्वीकृत और हितग्राहियों को राशि का भुगतान किए बिना फर्जी प्रकरण तैयार कर राशि का गबन कर दिया.

इन भ्रष्टाचारियों को ईओडब्ल्यू ने बनाया आरोपी

नामजद आरोपी बनाए गए तत्कालीन अफसर भागवत उमाले सीईओ जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति, कामता प्रसाद कोरी प्रबंधक खादी ग्रामोद्योग, अजीत फालके लाखेपाल अंत्यावसायी सहकारी समिति रमणलाल आचार्य प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, राजेंद्र सिंह बैस शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक, शिवलाल कराड़ा प्रबंधक प्राथमिक साख सहकारी समिति, शिवलाल चांदना प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था भैरू सिंह अंसल प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, अमर सिंह गुर्जर प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था सूरज सिंह अध्यक्ष प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, प्रेमशंकर श्रीवास्तव प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था गोकुल पांडे प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, मोहनलाल भेनिया पर्यवेक्षक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था ऋषभ कुमार जैन प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, अमर सिंह गुर्जर सहायक प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था माधव सिंह मालवीय प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था कैलाशचंद्र शर्मा प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, मांगीलाल चौहान सहायक प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था जुधझार सिंह मेवाड़ा सहायक प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, मोहन सिंह सिसोदिया शाखा प्रबंधक सहकारी केंद्रीय बैंक नारायण सिंह परमार प्रबंधक प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था कैलाशचंद्र वर्मा, बाबूलाल, शिवजी व अन्य साजिश में शामिल निजी व्यक्ति के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है.

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