MP में निजी पावर प्लांट्स से Water Tax के 395 करोड़ वसूलेंगे तहसीलदार, भुगतान नहीं किये जाने पर जल आपूर्ति बंद करने का निर्देश

MP News: जल कर वसूली न होने के कारण कई बार मंत्री ने भी नाराजगी जताई थी. पिछले कई सालों से कंपनियों से वसूली नहीं हो पाई. जिसकी वजह से राजस्व का नुकसान विभाग को होता आ रहा है.
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प्रतीकात्मक चित्र

MP News: प्रदेश के निजी पॉवर प्लांट से जल संसाधन विभाग से लगातार पानी ले रहे हैं लेकिन 395 करोड़ 77 लाख 55 हजार रुपए का जल कर (Water Tax) नहीं चुका रहे हैं. अब विभाग तहसीलदारों की मदद से यह वसूली करेगा जलसंसाधन विभाग के वित्तीय सलाहकार ने प्रमुख अभियंता जलसंसाधन को निर्देशित किया है कि निजी पॉवर प्लांटों पर बकाया 395 करोड़ 77 लाख रुपए के जलकर की वसूली के लिए कार्यपालन यंत्रियों को निर्देशित करें. वे कलेक्टर और तहसीलदार से संपर्क स्थापित कर उनके माध्यम से संबंधित फर्मों से बकाया जल कर की वसूली का प्रयास करें, यदि किसी फर्म द्वारा लंबे अर्से से जलकर का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो उसे भुगतान किये जाने के लिए समय दिया जाए और उसके बाद भी भुगतान नहीं किये जाने पर जल आपूर्ति बंद करने का नोटिस दिया जाए.

जलकर वसूली न होने के कारण कई बार मंत्री ने भी नाराजगी जताई थी. पिछले कई सालों से कंपनियों से वसूली नहीं हो पाई. जिसकी वजह से राजस्व का नुकसान विभाग को होता आ रहा है. अब पुरानी वसूली की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी गई है.

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RRC जारी करवाकर बकायादारों से वसूलें Water Tax

निर्देश में कहा गया है कि ऐसे बकायादारों से तहसीलदार के माध्यम से आरआरसी जारी कराकर जल कर की राशि वसूल करने के प्रयास किये जाएं. इतनी अधिक राशि की वसूली बकाया होना शासन के हित में नहीं है. वसूली की कार्यवाही में विशेष प्रयास करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं. चंबल बेतवा कछार भोपाल, गंगा कछार रीवा, धसान केन कछार सागर, बैनगंगा कछार सिवनी और जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा राशि बकाया है. इनके मुख्य अभियंताओं को वसूली करने के लिए कहा गया है.

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