MP News: टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर कड़ा मुक़ाबला, कांग्रेस के युवा चेहरे पंकज अहिरवार के सामने 7 बार के सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक

Lok Sabha Election: आम चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने वीरेंद्र कुमार खटीक को टीकमगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को अपना उम्मीदवार बनाया है.
Lok Sabha Election Candidate Virendra Kumar Khati and pankaj ashirwar

टीकमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस सीट से वीरेंद्र कुमार खटीक को फिर से मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को अपना उम्मीदवार बनाया है.

Tikamgarh Lok Sabha seat: टीकमगढ़ सीट, मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से एक है. इस सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. टीकमगढ़ लोकसभा सीट में तीन जिलों की आठ विधानसभा आती हैं. इनमें टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर; निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर, निवाड़ी और छतरपुर जिले की महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर विधान सभा सीट शामिल हैं.

इस सीट से वर्तमान में वीरेंद्र कुमार खटीक सांसद हैं. पिछले तीन बार से सांसद हैं. ये सीट अनुसूचित जाति(एससी) के लिए रिजर्व्ड है. इस बार बीजेपी ने इस सीट से वीरेंद्र कुमार खटीक को फिर से मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को अपना उम्मीदवार बनाया है.

आइए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में –

वीरेंद्र कुमार खटीक- टीकमगढ़ से तीन बार के सांसद

संपत्ति – दो करोड़ रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – शून्य (0)

आम चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने वीरेंद्र कुमार खटीक को टीकमगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. वीरेंद्र कुमार का राजनीतिक करियर बहुत लंबा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP), बजरंग दल, भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) से लेकर बीजेपी तक काम करने का अनुभव है. संगठन स्तर पर काम करने के साथ-साथ मुख्य धारा की राजनीति का अनुभव है.

वीरेंद्र कुमार के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन से होती है. आपातकाल के समय आंदोलन करने पर जेल भी जा चुके हैं. साल 1991 में वीरेंद्र कुमार को सागर जिले का बीजेपी सचिव बनाया गया. 1994 में बीजेपी मध्यप्रदेश का प्रदेश प्रतिनिधि बनाया गया. 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए सागर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे.

इसके बाद वे लगातार सागर लोकसभा सीट से 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए. साल 2009 में बीजेपी ने टीकमगढ़ लोकसभा सीट से वीरेंद्र कुमार को उतारा. इस सीट से कुमार ने 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा के लिए चुनाव जीता. 2019 में वीरेंद्र कुमार को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

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पंकज अहिरवार- टीकमगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी

संपत्ति – 80 लाख रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – शून्य (0)

कांग्रेस टीकमगढ़ सीट से पंकज अहिरवार को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस बार भी कांग्रेस ने नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. कांग्रेस साल 2009 से लगातार नए प्रत्याशी को टिकट दे रही है. पंकज अहिरवार बिल्कुल नए उम्मीदवार हैं. इससे पहले पंकज ने कोई चुनाव नहीं लड़ा.

राजनीतिक सफर की बात करें तो संगठन स्तर पर काम तो किया है लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ा. साल 2004 से पंकज लगातार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. कांग्रेस पार्टी में ही अंबेडकर मिशन परिषद के अध्यक्ष रहे. एमपी कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.

साल 2023 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में पंकज ने टीकमगढ़ की जतारा विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी. लेकिन टिकट पंकज को नहीं मिली थी. ये पहला मौका है जब पंकज अहिरवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

वीरेंद्र कुमार खटीक बनाम पंकज अहिरवार

वीरेंद्र कुमार और पंकज अहिरवार दोनों अनुसूचित जाति से आते हैं. वीरेंद्र कुमार का लंबा राजनीतिक करियर है. कांग्रेस के पंकज का करियर वीरेंद्र खटीक के मुकाबले बहुत छोटा और संगठन स्तर का है. वीरेंद्र कुमार चार बार सागर और तीन टीकमगढ़ से सांसद रह चुके हैं लेकिन पंकज का जनाधार नहीं है.

पंकज अहिरवार टीकमगढ़ निवासी हैं वहीं वीरेंद्र कुमार मूल रूप से सागर के रहने वाले हैं.

आम चुनाव 2019 का रिजल्ट

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार खटीक और कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी किरण अहिरवार थीं. इस चुनाव में वीरेंद्र कुमार को 6 लाख, 72 हजार, 248 वोट मिले और कांग्रेस की किरण अहिरवार को 3 लाख, 24 हजार, 189 वोट मिले. दोनों के बीच जीत का अंतर 3 लाख, 48 हजार, 059 रहा. इस चुनाव में वीरेंद्र कुमार खटीक जीत हुई और लगातार तीसरी बार टीकमगढ़ सीट से सांसद बने.

टीकमगढ़ सीट का राजनीतिक इतिहास

टीकमगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास बहुत छोटा है. साल 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर चुनाव हुए. साल 1977 से 2009 तक इस सीट पर चुनाव नहीं हुए. परिमीसन के बाद इस सीट को दूसरी सीट में जोड़ दिया गया था. पहले चुनाव यानी 1952 के चुनाव में कांग्रेस के राम सहाय जीते थे.

इस सीट से पहली बार गैर-कांग्रेसी सांसद क्योर मेट ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जीता. साल 2009 में जब इस सीट पर फिर से चुनाव शुरू हुए तो बीजेपी के वीरेंद्र खटीक जीतते हुए आ रहे हैं. अबतक वीरेंद्र खटीक कुल तीन बार चुनाव जीत चुके हैं यानी साल 2009, 2014 और 2019.

(source : eci, myneta.info, digital sansad)

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