MP News: सरकारी बिल्डिंग में आगजनी, एक साल बाद भी तय नहीं कर पाई सरकार, सतपुड़ा, विंध्याचल भवन का रेनोवेशन होगा या नया निर्माण?

MP News: पिछले साल जून में सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद सरकार ने बिल्डिंग की संरचनात्मक ताकत (स्ट्रक्चरल स्ट्रेन्थ) का आंकलन करने के लिए गुजरात से फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया था.
Vallabh Bhawan, Satpura and Vindhyachal Bhawan

वल्लभ भवन, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन

MP News: राजधानी स्थित सतपुड़ा भवन की बिल्डिंग भीषण आग लगने के एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन की बिल्डिंगों का रेनोवेशन होगा या उन्हें ध्वस्त कर नया निर्माण किया जाएगा. इन दोनों बिल्डिंगों में विभिन्न सरकारी कार्यालय संचालित होते हैं. सतपुड़ा भवन में पिछले साल 12 जून को लगी आग में जले सामान के मलबे में इस साल 20 फरवरी को फिर आग लग गई थी.

हालांकि आग की दो घटनाओं के बाद भी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया. सतपुड़ा भवन की जली हुई मंजिलों को जून, 2023 की आग के बाद वैसे ही छोड़ दिया गया है. बारिश का पानी जली हुई मंजिलों के अंदर न जाए, इसके लिए सतपुड़ा भवन के जले हुए हिस्से के चारों ओर पॉलिथीन लगा दी गई है. फरवरी, 2024 में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि सतपुड़ा और विंध्याचल भवनों के रेनोवेशन का काम जल्द शुरू होगा. सरकार की ओर से दोनों भवनों के लिए करीब 170 करोड़ रुपए की रेनोवेशन की बजाय नए सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाना बाकी है.

बारिश का पानी जली हुई मंजिलों के अंदर जाने से रोकने सतपुड़ा भवन के एक हिस्से को पॉलिथीन से कवर किया गया है. नई परियोजना को मंजूरी दी गई थी, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मामला अभी जुलाई, 2024 में मुख्य सचिव की मौजूदगी में लंबित है और यह अब भी स्पष्ट नहीं है हुई बैठक में सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के दोनों भवनों का रेनोवेशन किया जाएगा या रेनोवेशन की बजाय नए भवन के निर्माण पर पुनर्निर्माण दोनों भवन 1982 में अस्तित्व में चर्चा आए थे.

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फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने दिया रेनोवेशन का सुझाव

पिछले साल जून में सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद सरकार ने बिल्डिंग की संरचनात्मक ताकत (स्ट्रक्चरल स्ट्रेन्थ) का आंकलन करने के लिए गुजरात से फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया था. भवनों के निरीक्षण और सैंपल के परीक्षण के बाद उन्होंने 200 पेज की रिपोर्ट सितंबर, 2023 में मप्र सरकार को सौंपी थी. इसमें कहा गया था कि सतपुड़ा भवन की बिजली की केबल पुरानी थी और लोड सहन नहीं कर पा रही थी, जिससे शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई. अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि बिल्डिंग को तोड़ने की कोई जरूरत नहीं है.

रिपोर्ट में भवन के रेनोवेशन और इसकी संरचनात्मक ताकत में सुधार के तरीके सुझाए गए हैं. इसके आधार पर रेनोवेशन का प्रोजेक्ट बनाया गया. हालांकि बाद में रेनोवेशन की बजाय नए सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन निर्माण का प्रस्ताव लाया गया और इस पर फैसला होना बाकी है. अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण केसी गुप्ता का कहना है कि सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के पुनर्निर्माण पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

तीन प्रशासनिक इमारतों में कब-कब लगी भीषण आग

प्रदेश सरकार की 3 प्रशासनिक इमारतों- वल्लभ भवन, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में आग लगने और महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों के राख हो जाने का इतिहास रहा है. 28 नवंबर, 2013 और 4 अक्टूबर, 2015 को विंध्याचल भवन में आग लगने से सरकारी रिकॉर्ड जल गया. पिछले साल 12 जून को सतपुड़ा भवन में भीषण आग ने स्वास्थ्य विभाग की तीन मंजिलों और आदिवासी विभाग की एक मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया था. सतपुड़ा भवन में लगी आग में जले सामान के मलबे में 20 फरवरी को दोबारा आग लग गई. 9 मार्च, 2024 को वल्लभ भवन की पुरानी बिल्डिंग में लगी भीषण आग में सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया था.

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