BJP नेता गौरव तिवारी की मांग से विंध्यवासियों को मिली बड़ी सौगात, बेहतर फैसिलिटी और हाई स्पीड के साथ दिल्ली का सफर हुआ बेहद आसान
विंध्य क्षेत्र को मिली सौगात
MP News: BJYM के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री और BJP नेता गौरव तिवारी की मांग से विंध्य की जनता को बड़ी सौगात मिली है. BJP नेता गौरव तिवारी ने जनवरी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) से मुलाकात कर रीवा से दिल्ली जाने वाली एकमात्र ट्रेन रीवा-आनंद विहार सुपरफास्ट के कोच बदलने समेत कई मांग की थी. इसके अलावा अलग-अलग रूट पर गाड़ियों को चलाने की मांग की थी. इस मुलाकात के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तीन महीने में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, जिसे अब पूरा कर दिया गया है.
विंध्य की जनता को बड़ी सौगात
रीवा से दिल्ली जाने वाली एकमात्र ट्रेन रीवा-आनंद विहार सुपरफास्ट (Rewa Aanandvihar Superfast) के कई सालों से AC से लेकर स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोच खराब थे. ऐसे में इस ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. साथ ही साथ कई बार गंदगी झेलनी पड़ती थी. ट्रेन में सीटिंग मैनेजमेंट भी खराब था.यह इकलौती ट्रेन है जो रीवा से उत्तर प्रदेश के कई जिलों व राजधानी दिल्ली को जोड़ती है. BJP नेता गौरव तिवारी ने इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन सौंपते हुए ट्रेन के रैक बदलने और और स्पीड बढ़ाने की मांग की थी. इस मांग को रेल मंत्रालय द्वारा पूरा कर दिया गया है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से BJP नेता गौरव तिवारी ने की थी मांग
31 जनवरी 2025 को BJYM के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री और BJP नेता गौरव तिवारी ने दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी. इस मीटिंग में उन्होंने केंद्रीय मंत्री को रीवा से भोपाल के बीच वंदे भारत ट्रेन के लिए आभार व्यक्त किया. साथ ही रीवा से दिल्ली के बीच चलने वाली एकमात्र रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस के रैक तुरंत बदलने, ICF होने के कारण सीटिंग एरिया और स्पीड कम होने की जानकारी देते हुए ज्ञपान सौंपा था.
जनता की परेशानी के बारे में बताया
इस मुलाकात के दौरान BJP नेता गौरव तिवारी ने विंध्य की जनता की परेशानी के बारे में भी रेल मंत्री को बताया था. उन्होंने बताया कि तेजी से विकसित हो रहे विंध्य क्षेत्र में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं. उसमें अभी रेलवे के क्षेत्र में विभिन्न रूट पर ध्यान देने की जरूरत है. रीवा और उसके आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मरीज, छात्र, कर्मचारी, व्यापारी और अन्य नागरिक मुंबई यात्रा करते हैं. विंध्य से बड़ी संख्या में कैंसर के मरीज उपचार के लिए मुंबई और PGI लखनऊ जाते हैं, लेकिन उनके लिए रेल मार्ग से नियमित सेवा उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है.
रेल मंत्री ने दिया था आश्वासन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी परेशानियों को सुनने के बाद इन मांगों को तीन महीने में पूरा करने का आश्वासन दिया था, जिसे अब पूरा कर लिया गया है.
विंध्य की जनता के लिए सफर हुआ आसान
रीवा से दिल्ली यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अब सफर आरामदायक और आसान हो गया है. आनंदविहार सुपरफास्ट में लगाए गए LHB कोच से सुविधा बढ़ेगी. ट्रेन की स्पीड भी बढ़ेगी. ICF कोच के मुकाबले LHB कोच में सीट की संख्या भी बढ़ गई है. इस ट्रेन में बॉयो टॉयलेट है. एसी कोच में कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों से बचा जा सके और निगरानी रखी जा सके. ट्रेन में बेहतर सिक्योरिटी के लिए GRP के जवान भी रहेंगे. इसमें एसी फर्स्ट टियर, एसी सेंकड टियर, एसी थर्ड टियर, एसी इकोनॉमी और स्पीलर कोच है.
BJP नेता गौरव तिवारी ने जताया आभार
रेल मंत्रालय द्वारा विंध्य की जनता को सौगात मिलन के बाद BJP नेता गौरव तिवारी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया है. उन्होंने लिखा- ‘विगत 31 जनवरी को देश के रेल मंत्री Ashwini Vaishnaw जी से मिलकर रीवा आनंद विहार सुपरफ़ास्ट अप और डाउन ट्रेन के रैक बदलने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया था एवं आश्वासन दिया था की तीन महीने महीने इसे पूर्णतः बदल दिया जाएगा. रेल मंत्री जी ने विंध्य वासियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए, पूरे रैक बदल दिए। इसके लिए मंत्री जी आपका बहुत आभार. प्रधानमंत्री Narendra Modi जी जिस तरह नए भारत में जनता के हितों के लिए कोई कसर नही छोड़ रहे हैं उसी का परिणाम है कि उनके के मार्गदर्शन पर अश्विनी जी भारतीय रेल्वे को एक नए आयाम तक पहुंचा रहे हैं.’
जानिए एक ट्रेन को बनाने में कितनी खर्च होता है?
भारत में, एक रेलवे कोच (ट्रेन का डिब्बा) बनाने की लागत विभिन्न प्रकार के कोच के हिसाब से अलग-अलग होती है.
एसी कोच
एक एसी कोच को बनाने में लगभग 2.8 से 3 करोड़ रुपए का खर्च आता है.
स्लीपर कोच
एक स्लीपर कोच को बनाने में लगभग 1.25 से 1.5 करोड़ रुपए का खर्च आता है.
जनरल कोच
एक जनरल कोच को बनाने में लगभग 1 करोड़ रुपए का खर्च आता है.
इंजन
ट्रेन के इंजन को बनाने में 18 से 20 करोड़ रुपए तक का खर्च आता है.
मान लीजिए एक 24 बोगियों वाली ट्रेन (जिसमें विभिन्न प्रकार के कोच शामिल हो सकते हैं) को बनाने में लगभग 60 से 80 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है. वंदे भारत ट्रेन जैसी आधुनिक ट्रेन की लागत और भी अधिक हो सकती है, जो लगभग 110 से 120 करोड़ रुपए तक हो सकती है.