वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब ‘द एवरेस्ट गर्ल’ का विमोचन, मेघा परमार के जीवन पर है आधारित
साहित्य और कला का ‘भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल’ शुक्रवार को भारत भवन में शुरू हुआ. तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल के पहले दिन वरिष्ठ पत्रकार और एबीपी न्यूज के ब्यूरो चीफ ब्रजेश राजपूत की किताब ‘द एवरेस्ट गर्ल’ का विमोचन किया गया. उनकी ये किताब सीहोर जिले की रहने वाली मेघा परमार पर आधारित है. मेघा ने एवरेस्ट फतह करके न केवल अपना, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया. वे मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही हैं, जो एवरेस्ट पर पहुंची.
मेघा के संघर्ष पर आधारित है किताब
किताब के लेखक ब्रजेश राजपूत ने बताया कि ये उनकी पहली व्यक्ति आधारित किताब है. इसमें उन्होंने मेघा के न केवल एवरेस्ट चढ़ने की कहानी, बल्कि उनके संघर्ष के बारे में भी बताया है. इससे पहले ब्रजेश राजपूत 5 और किताबें लिख चुके हैं. हालांकि, उनका मानना है कि किसी एक व्यक्ति पर केंद्रित होकर किताब लिखना कठिन काम होता है. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी रजनी राजपूत ने हमेशा उन्हें मेघा के जीवन पर किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित किया.
‘द एवरेस्ट गर्ल’ मेघा परमार के सपने, संघर्ष और साहस की कहानी है. मेघा ने बताया कि जब पहली बार ब्रजेश राजपूत उनके घर सीहोर गए थे, तब बाहर लगे बोर्ड पर एवरेस्ट गलत लिखा हुआ था. वरिष्ठ पत्रकार ने न केवल उनसे उस गलती को ठीक करने को कहा, बल्कि उनके जीवन को एक किताब की शक्ल भी दे दी.
2 हजार की नौकरी से शुरू किया था काम
मेघा की आर्थिक स्थिति शुरू से ही ठीक नहीं थी. रोजगार की तलाश में भोपाल आईं मेघा ने सिर्फ 2 हजार रुपये की नौकरी के साथ एक निजी चैनल में रिपोर्टिंग का काम शुरू किया था. बाद में उन्होंने तय किया कि वो एवरेस्ट को फतह करेंगी.