‘अगर गवाह के साथ कुछ भी अनहोनी हुई तो नहीं बख्शेंगे…’ CBI पर भड़के सुप्रीम कोर्ट के जज, जानें पूरा मामला

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI ने कड़ी फटकार लगाई है. साथ ही अल्टीमेटम भी थमाया है.
supreme court

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Madhya Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में सुनवाई की. इस मामले में फरार पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार न करने पर कोर्ट की डबल बेंच ने CBI को कड़ी फटकार लगाई. साथ ही अवमानना कार्रवाई की चेतावनी भी दी. कोर्ट ने CBI को दो दिन में आरोपियों को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया है नहीं तो कार्रवाई होगी. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा- ‘यह ऐसे नहीं चल सकता.’

जानें पूरा मामला

एमपी पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत के मामले में याचिका दर्ज की गई है. मृतक देवा पारधी और उसके चाचा गंगाराम को चोरी के मामले में हिरासत में लिया गया था. मृतक की मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे को प्रताड़ित कर हत्या की, जबकि पुलिस ने इसे दिल का दौरा बताया.

इस केस में मृतक की मां की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के 15 मई के आदेश में मध्य प्रदेश पुलिस से जांच CBI को सौंपी गई, जिसका पालन नहीं हुआ है. इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई करते हुए CBI को दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिए. साथ ही आगाह किया कि अगर इस केस के एक मात्र गवाह को कुछ हुआ तो बख्शा नहीं जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

दरअसल, मृतक का चाचा ही इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह हैं और फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. ऐसे में जस्टिस नागरत्ना ने CBI के वकील से कहा- ‘हम केवल यही कहेंगे कि आपकी लाचारी (आरोपियों का) बचाव प्रतीत होती है और यह नहीं चल सकता. सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद आप कार्रवाई करने में असमर्थ हैं… आप लाचारी का बहाना बना रहे हैं. वे फरार हैं, उद्घोषणा भी की जा चुकी है, फिर भी आप उनका पता नहीं लगा सके और उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाए। कृपया लाचारी का बहाना न बनाएंं.’

CBI की दलील

मामले की सुनवाई के दौरान CBI ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया और उनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू है. कोर्ट ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा- ‘आप जानते हैं वे कहां हैं, फिर भी उन्हें बचा रहे हैं.’ जस्टिस नागरत्ना ने तंज कसते हुए कहा कि CBI अन्य मामलों में तो मिनटों में गिरफ्तारी करती है, लेकिन यहां नाकाम रही. कोर्ट ने CBI निदेशक, राज्य के मुख्य सचिव और जांच अधिकारी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी.

ये भी पढ़ें- ये है मध्य प्रदेश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज, आजादी से पहले हुई थी स्थापना

गवाह की सुरक्षा पर जोर

कोर्ट ने कहा कि केस एक एकमात्र चश्मदीद गवाह को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए, वरना जेल अधिकारी जिम्मेदार होंगे. पीठ ने CBI को जांच की स्थिति और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उठाए गए कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

ये भी पढ़ें- ये है MP का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन… पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण हर दिशा के लिए आसानी से मिल जाती है ट्रेन

ज़रूर पढ़ें