Indore News: एमवाय अस्पताल में नवजातों की मौत का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर पीठ
MY Hospital Indore: इंदौर के एमवाय अस्पताल में दो नवजातों को चूहों के काटने का मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच चुका है. हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने 15 सितंबर तक पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. वहीं मामले में कोर्ट से नोटिस आने के बाद खुद को बीमार बताते हुए अधीक्षक डॉ. अशोक यादव 11 से 25 सितंबर तक छुट्टी पर चले गए.
दरअसल, 2 सितंबर को एमवाय अस्पताल के NICU वार्ड में दो नवजात शिशुओं को चूहों ने काट लिया था, जिसके बाद दोनों ही नवजातों की मौत हो गई थी. इस मामले में न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति जेके पिल्लई की युगल पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया है और इसे नवजातों के मौलिक अधिकारों और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा माना है.
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सफाई और पेस्ट कंट्रोल करने वाली निजी कंपनी ने इस मामले में लापरवाही बरती है, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ और अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी के खिलाफ कोई ठोस दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है.
दो अधिकारी हटाए गए
मामले में हाईकोर्ट का सख्त रुख देखकर लोक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने एजाइल कंपनी को अस्पताल से हटाने के निर्देश दिए हैं. वहीं पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. बृजेश लाहोटी को भी पद से हटा दिया, साथ ही प्रभारी एचओडी डॉ. मनोज जोशी को सस्पेंड कर दिया है.
हाईकोर्ट ने सरकार से मामले में जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार से नोटिस में पूछा कि मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है. मामले की वर्तमान स्थिति क्या है और इसमें किन-किन लोगों पर कार्रवाई की गई है.
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अस्पताल प्रबंधन ने की मामले को दबाने की कोशिश
मामले को दबाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने तथ्यों को छुपाने की कोशिश की. उन्होंने नवजातों की मौत का कारण गंभीर बीमारियों को बताया. उनका कहना था कि इन बच्चों की मौत चूहों के काटने से नहीं हुई.
अस्पताल प्रबंधन ने नवजातों की मौत को लेकर गलत जानकारी दी थी. प्रबंधन ने जिन नवजातों को अनाथ बताया था, उनके माता-पिता भी सामने आ गए थे. प्रबंधन ने कलेक्टर आशीष सिंह और मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर तरुण राठी को नवजातों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर गुमराह किया. रिपोर्ट में चूहों के काटने का कोई जिक्र नहीं दिया गया.