सिंहस्थ 2028 में न हो महाकुंभ भगदड़ जैसा हादसा, VIP एंट्री को बैन करने पुजारी महासंघ ने CM को लिखा पत्र
सिंहस्थ 2016 (फाइल फोटो)
Ujjain: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होने वाला है. भले ही इस कुंभ को अभी तीन साल हैं, लेकिन प्रदेश सरकार और प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है. इस बीच तीर्थराज नगरी प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई. इस हादसे में 30 की मौत और 60 लोगों के घायल होने के बाद सिंहस्थ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुजारी महासंघ ने चिंता जताई है. महासंघ की ओर से CM डॉ. मोहन यादव को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें VIP एंट्री को प्रतिबंधित करने की अपील की गई है.
पुजारी महासंघ ने लिखा पत्र
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने CM डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है. इसमें लिखा है कि कुंभ में विशेष पर्वों पर रामघाट पर केवल चारों शंकराचार्यों को स्नान की अनुमति हो, अन्य अखाड़ों को नहीं.
सभीVVIP को मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित किया जाए, जिससे आम श्रद्धालु भावना और आस्था के साथ सुरक्षित रहकर क्षिप्रा में पुण्य स्नान का लाभ ले सकें.
पत्र में आगे लिखा है कि कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. तब क्षिप्रा के हर घाट को रामघाट के रूप में प्रचारित कर श्रद्धालुओं को वहीं स्नान की अपील की जाती है, जबकि तेरह अखाड़े वैभव प्रदर्शन करते हुए रामघाट जाकर स्नान करते हैं. उस दौरान श्रद्धालुओं को नदी क्षेत्र में जाने से रोक दिया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ता है और भगदड़ या हादसों की आशंका उत्पन्न होती है. इसलिए 2028 के कुंभ में स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई बंद करना चाहिए और साधु-संतों को अनुयायियो के बिना पैदल ही स्नान के लिए जाना चाहिए.
मौनी अमावस्या पर मची थी भगदड़
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर दूसरे अमृत स्नान के लिए महाकुंभ में संगम तट पर बैरिकेड टूटने से भगदड़ मच गई थी. भगदड़ मचने से जमीन पर लेटे और बैठे श्रद्धालुओं पर बाकी श्रद्धालुओं की भीड़ चढ़ गई. इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए.
सिंहस्थ 2028
साल 2028 में उज्जैन में क्षिप्रा नदी पर कुंभ सिंहस्थ का आयोजन होगा. इस दौरान क्षिप्रा नदी में स्नान करने के लिए देश भर के साधु-संत आते हैं. सिंहस्थ 2028 में 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.