MP News: जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन, महाकाव्य को समझने के लिए देश की अलग-अलग शैलियों में प्रदर्शन

प्रदर्शनी में देश-विदेश के ट्रेडिशनल आर्ट को शामिल किया गया है. केरल का म्यूरल आर्ट, तंजोर चित्रण, आंध्र प्रदेश की नाक्षी गुडिया, इंडोनेशिया के शेडो पपेट, श्रीलंका का देगाल दरुआ आर्ट, थाईलैंड की कलाकृतियां भी शामिल की गई हैं.
Performances in different art forms of India to explain the Ramayana.

रामायण को समझाने के लिए हिंदुस्तान की अलग-अलग कला शैलियों में प्रदर्शन.

MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है. इसके पहले रामायण को हिंदुस्तान की अलग-अलग कला शैलियों के जरिए समझाने के लिए एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. जिसमें रामचरित मानस के सुंदर कांड को पहली बार शहर की कलाकार ने एक धनुष में समाहित कर ऐसी आकृति तैयार की है, जो शहरवासियों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई.

छोटी मूर्तियां पूरा सुंदरकांड प्रदर्शित कर रहीं

इसके अलावा देश-विदेश की नामी कला संस्कृतियों की दृष्टि से रामायण और श्री राम के चरित्र को प्रदर्शित किया गया है. आर्टिस्ट अनुश्री विश्नोई गुप्ता ने बताया जब वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस पर रामजी के चित्रों की प्रदर्शनी लगाने की बात आई तो मैंने कहा था कि सुंदर कांड का चित्रण करूंगी. इस पर पूरा सुंदर कांड गहनता के साथ पढ़ा और उसमें 18 चौपाइयों, छंदों और दोहों की मदद से धनुष आकार में एक ऐसी कलाकृति तैयार की. जिसकी शुरुआत जामवंत द्वारा हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाने से लेकर सुरसा वध, अशोक वाटिका, सीता से परिचय, इंद्रजीत द्वारा पाश से बांधना, लंका दहन, समुद्र पर रामजी का रौद्र रूप और अंत में रामसेतु बांधने का चित्रण किया है. इसमें छोटी-छोटी मूर्तियां पूरा सुंदर कांड प्रदर्शित कर रही हैं.

प्रदर्शनी में ट्रेडिशन आर्ट को शामिल किया गया

प्रदर्शनी में देश-विदेश के ट्रेडिशनल आर्ट को शामिल किया गया है. केरल का म्यूरल आर्ट, तंजोर चित्रण, आंध्र प्रदेश की नाक्षी गुडिया, इंडोनेशिया के शेडो पपेट, श्रीलंका का देगाल दरुआ आर्ट, थाईलैंड की कलाकृतियां भी शामिल की गई हैं. इसके अलावा 1993 में साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी द्वारा बनाई गई मार्बल टाइल पर राजस्थानी मिनिएचर आर्ट लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. इसे मैग्रीफाइन ग्लास से ही देखा जा सकता है. इसे बनाने में सबसे बारीक ब्रश का उपयोग किया जाता है. इस प्रदर्शनी के जरिए हिंदुस्तान की अलग-अलग कला शैलियां से तैयार की गई और रामायण पर चित्रों का प्रदर्शन बेहद आकर्षक है.

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