महाकुंभ में पहुंचे PM मोदी, संगम में लगाई डुबकी, भगवान सूर्य को किया प्रणाम

Maha Kumbh 2025: पीएम ने आस्था की डुबकी संगम नोज पर लगाई. जहां पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलान होता है. पीएम ने डुबकी से पहले भगवान सूर्य को प्रणाम किया.
PM Modi

पीएम मोदी, महाकुंभ 2025

Maha Kumbh 2025: आज दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी (PM Modi) ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. यह डुबकी सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक भी हो सकती है. क्योंकि यह दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान का भी है. पीएम ने आस्था की डुबकी संगम नोज पर लगाई. जहां पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलान होता है. पीएम ने डुबकी से पहले भगवान सूर्य को प्रणाम किया.

पीएम मोदी का महाकुंभ दौरा और दिल्ली चुनावों का वक्त, दोनों का तालमेल किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. एक ओर जहां संगम में श्रद्धा का जल मिलेगा, वहीं दूसरी ओर दिल्ली की सियासत के समंदर में मोदी की ये ‘डुबकी’ नई लहरें पैदा कर सकती है.

आस्था और राजनीति का संगम!

महाकुंभ, जहां लाखों, करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं, इस बार एक अलग तरह का संगम देखने को मिल सकता है. रणनीतिकारों ने उनके यात्रा की तारीख ऐसी चुनी है कि संगम में डुबकी का ‘राजनीतिक पुण्य’ भी प्राप्त किया जा सके. मोदी का महाकुंभ में स्नान, दिल्ली के चुनावी वोटरों को एक अनूठा संदेश भेज सकता है. यह संयोग नहीं, बल्कि एक शानदार राजनीतिक प्रयोग हो सकता है.

संगम से ‘इंद्रप्रस्थ’ तक लक्ष्य साधेंगे पीएम मोदी

आज दिल्ली की सभी विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, और आज ही पीएम मोदी ने संगम में डुबकी लगाई है. दिल्ली में भाजपा ने 1993 में सत्ता हासिल की थी, लेकिन उसके बाद से पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत नहीं मिल पाई. 26 सालों से भाजपा का यह सपना अधूरा है, लेकिन इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है, और भाजपा अपनी रणनीति को हिंदुत्व और विकास के मेल से फिर से आजमा रही है. ऐसे में पीएम का महाकुंभ में आना और दिल्ली चुनाव में वोट डालने की यह सियासी चाल, पार्टी के लिए अहम हो सकती है.

पूर्वांचली वोटर्स का ध्यान!

दिल्ली में पूर्वांचल के वोटरों की संख्या 20% से अधिक है, और यही वोटर यूपी-बिहार से जुड़े होते हैं. इन वोटरों का चुनावी असर दिल्ली की 30 से ज्यादा सीटों पर पड़ सकता है. महाकुंभ का आयोजन मुख्य रूप से यूपी और बिहार के लोगों के लिए खास होता है, और इस तरह से पीएम मोदी का महाकुंभ में हिस्सा लेना दिल्ली चुनावों में इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का एक बेहतरीन मौका हो सकता है.

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आस्था का राजनीति से कनेक्शन

आस्था और राजनीति का यह संयोग कोई नया नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने केदारनाथ में ध्यान लगाया था, ठीक उसी समय जब अंतिम चरण का मतदान हो रहा था. एक और उदाहरण, जब वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक शांति की प्रक्रिया में जुटे थे, और देश में अंतिम चरण का मतदान हो रहा था. इस तरह के आयोजनों में पीएम मोदी की उपस्थिति और चुनावी रणनीति का मेल, पार्टी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

हालांकि, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पीएम मोदी का प्रयागराज दौरा फरवरी के पहले सप्ताह में इसलिए तय किया गया था, ताकि प्रमुख स्नान के दिनों के बाद वह महाकुंभ में शामिल हो सकें. पहले आने पर सुरक्षा व्यवस्था में दिक्कत हो सकती थी, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा होती. इसलिए प्रमुख स्नान के बाद पीएम मोदी का दौरा तय किया गया, ताकि सब कुछ व्यवस्थित रहे.

अमित शाह भी करेंगे स्नान

पीएम मोदी का प्रयागराज दौरा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा बन सकता है. महाकुंभ के संगम में डुबकी लगाकर, पीएम मोदी ने राजनीतिक मैदान में एक और कदम बढ़ाया है. पीएम मोदी की यह धार्मिक यात्रा उनके राजनीतिक सामर्थ्य और हिंदुत्व की छवि को और मजबूत कर सकती है. अंत में यह संयोग नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर की गई रणनीति हो सकती है.

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