Maha Kumbh 2025: हाथ में तलवार-त्रिशूल…ढोल-नगाड़ों के साथ अमृत स्नान करने पहुंचे नागा साधु, लगाई संगम में डुबकी
नागा साधुओं का भव्य जुलूस
Maha Kumbh 2025: आज महाकुंभ का 22वां दिन है. इसके साथ ही आज तीसरा अमृत स्नान भी है. महाकुंभ में अमृत स्नान करने के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं ब्रह्म मुहूर्त से अमृत स्नान शुरू होते ही सबसे पहले नागा साधुओं ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. इस दौरान नागा साधुओं का भव्य जुलूस देखने को मिला.
तलवार-त्रिशूल-गदा लहराते दिखे नागा साधु
बसंत पंचमी पर महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त में सुबह साढ़े तीन बजे से साधु-संन्यासी अपने अपने जुलूस के साथ संगम की ओर निकल पड़े. सबसे पहले महानिर्वाणी अटल अखाड़े का जुलूस निकाला गया. इसके आगे नागा साधुओं का जुलूस निकला. सभी नागा साधु हाथों तलवार-त्रिशूल-गदा लेकर संगम नोज की ओर बढ़े. ढोल-नगाड़ों के साथ के साथ हर हर महादेव का उद्घोष करते हुए नागा साधुओं ने त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान किया.
नागा साधुओं को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं संगम के पास मौजूद रहे. अमृत स्नान का सबसे भव्य दृश्य नागा साधुओं का जुलूस होता है. हर बार की तरह इस बार भी कई नागा संन्यासी घोड़े पर सवार होकर अमृत स्नान के लिए निकले. एक संन्यासी ने अपनी 15 फीट लंबी जटा दिखाई. संगम में नागा संन्यासी ने गदा लहराई. फिर डुबकी लगाई और ध्यान में लीन दिखे. पंचायती, अटल, निरंजनी और आनंद अखाड़े के नागा संन्यासी और संतों ने एकसाथ स्नान किया. संगम स्नान के दौरान नागा संन्यासियों ने त्रिशूल लहराते हुए हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाए.
नागा साधुओं के चरण रज बटोरते श्रद्धालु
नागा साधुओं के अमृत स्नान को लेकर इस दौरान कई तस्वीरें सामने आई. एक तरफ जहां नागा साधु-सन्यासी अमृत स्नान करने निकले तो वहीं दूसरी ओर उनके आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर मौजूद दिखे. कई श्रद्धालु नागा साधुओं की चरण रज माथे पर लगाते दिखे. कुच्छ श्रद्धालु थैले में चरण रज को भरकर घर लेकर जा रहे भी नजर आए.
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क्यों सबसे पहले स्नान करते हैं नागा साधु?
नागा साधु भगवान शिव के अनुयायी माने जाते हैं, इसलिए वह भोले शंकर की तपस्या और साधना की वजह से इस स्नान को सबसे पहले करने के अधिकारी माने गए. आदि काल से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार, नागा साधु सबसे पहले अमृत की बूंदों में स्नान करते हैं.