Chhath 2025 Kab Hai: कब है छठ? जानें नहाय-खाय, खरना और अर्घ्य का शुभ मुहूर्त और सही तिथियां
छठ महापर्व
Chhath 2025 Puja Guide: सनातन धर्म में कार्तिक मास को अत्यंत पावन माना गया है. यह महीना दीपावली से लेकर सूर्योपासना के महापर्व छठ तक शुभ त्योहारों से भरा रहता है. वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की शुरुआत 21 अक्टूबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या समाप्त होने के बाद हो गई है. इसका समापन 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा. इसी दौरान श्रद्धा और लोक परंपरा का महापर्व छठ मनाया जाएगा.
मान्यता है कि इस पर्व में भगवान सूर्य और छठी मइया की आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल छठ 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर को समाप्त होगा. चार दिनों तक चलने वाला यह व्रत तप, आस्था और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. आइए जानें नहाय-खाय, खरना और दोनों अर्घ्य के सही दिन और सही समय क्या रहने वाला है.
25 से 28 अक्टूबर तक चलेगा छठ महापर्व
वर्ष 2025 में छठ पूजा शनिवार, 25 अक्टूबर से मंगलवार, 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी. पूरे देश में यह पर्व विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी छटा सबसे अलग देखने को मिलती है.
25 अक्टूबर को नहाय-खाय
छठ व्रत का शुभारंभ शनिवार, 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगा. इस दिन व्रती महिलाएं नदियों और तालाबों में स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. यह दिन व्रत के लिए शरीर और मन को शुद्ध करने का प्रतीक माना जाता है.
26 अक्टूबर को खरना
रविवार, 26 अक्टूबर को छठ व्रत का दूसरा दिन होगा, जिसे खरना कहा जाता है. इस दिन शाम के समय गुड़ की खीर, रोटी और फल का भोग लगाया जाता है. व्रती महिलाएं प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करती हैं, जो सूर्योदय के अर्घ्य तक चलता है.
27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य
सोमवार, 27 अक्टूबर को व्रती घाटों पर जाकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी. शाम 5:10 बजे से 5:58 बजे तक अर्घ्य देने का शुभ समय रहेगा. इस अवसर पर घाटों पर छठी मइया के गीतों की गूंज और दीपों की रौशनी से पूरा वातावरण भक्ति से भर जाएगा.
28 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
मंगलवार, 28 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सुबह 5:33 बजे से 6:30 बजे तक अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त रहेगा. इसी के साथ छठ व्रत का समापन होगा और व्रती महिलाएं पारण कर पूजा पूर्ण करेंगी.
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छठ पर्व का महत्व
छठ पूजा चार दिनों का अनुशासन, तप और आस्था का पर्व है. यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन में शुद्धता, आत्मसंयम और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक भी है. दीपावली के तुरंत बाद आने वाला यह पर्व लोक परंपरा, परिवारिक एकता और भक्ति का उत्सव है, जो हर घर में ऊर्जा, सकारात्मकता और मंगलकामना का संदेश फैलाता है.
(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)