Narmada Jayanti 2024: इस पवित्र नदी में डुबकी लगाने से मिलता है मोक्ष, नमामि देवी नर्मदे…

Narmada Jayanti 2024: नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलने के बाद दुग्धधारा और कपिलधारा जलप्रपात का निर्माण करती है.

नर्मदा नदी

Narmada Jayanti 2024: नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश और गुजरात की लाइफलाइन कहा जाता है. ये मध्यप्रदेश के 16 जिलों से होकर गुजरती है. इसे लोग पवित्र का नदी का दर्जा देते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा नदी का जन्म हुआ, इसलिए हर साल इसी तिथि को नर्मदा जयंती मनायी जाती है.

कब मनायी जाएगी नर्मदा जयंती

इस साल 16 फरवरी को नर्मदा जयंती मनायी जाएगी. नर्मदा जयंती माघ शुक्ल की सप्तमी को मनायी जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी सुबह 08:54 पर इसका समापन होगा. उदयातिथि के मुताबिक नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनायी जाएगी.

नर्मदा नदी का धार्मिक महत्व

नर्मदा नदी को लोग देवी का दर्जा देते हैं. ऐसी मान्यता है कि नर्मदा नदी भगवान शंकर की पुत्री हैं. इसी कारण नर्मदा नदी को शांकरी भी कहा जाता है. नर्मदा नदी में लोग पवित्र डुबकी लगाते हैं. नर्मदा नदी के तट पर लोग स्नान, ध्यान और धर्मकांड करते हैं. मेले और धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन भी किया जाता है.

भारत के लिए महत्वपूर्ण नदी

नर्मदा भारत की एकमात्र नदी है जो उल्टी दिशा यानी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है. ये भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है. मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकलती है और गुजरात के खंभात की खाड़ी में गिरती है. नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किमी है. नर्मदा नदी तीन राज्यों से होकर गुजरती है जिनमें एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात हैं. नर्मदा नदी पर कई बड़े-बड़े बांध बने हैं जिनमें सरदार सरोवर, इंदिरा सागर, ओमकारेश्वर बांध हैं. इन बांधों से लोगों को सिंचाई, पेयजल आपूर्ति की जाती है.

नर्मदा नदी और पर्यटन

नर्मदा नदी कई सारे वॉटरफॉल्स का निर्माण करती है. नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलने के बाद दुग्धधारा और कपिलधारा जलप्रपात का निर्माण करती है. जबलपुर के पास भेड़घाट में विश्व प्रसिद्ध धुआंधार जलप्रपात का निर्माण करती है. जबलपुर से आगे बढ़ते समय ये नदी संगमरमर के पहाड़ों के निकलती है. नर्मदा नदी के किनारे कई सारे पवित्र और प्रसिद्ध शहर स्थित हैं. इन शहरों में महेश्वर, ओमकारेश्वर और नेमावर जैसे शहर हैं.

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